चाइना का लहसुन, जिसे ‘सफेद सोना’ कहा जाता है, चोरी-छिपे नेपाल के रास्ते भारत में तस्करी कर पहुंचाया जा रहा है। हाल ही में यह लहसुन मध्य प्रदेश की मंडियों में भी पहुंच गया है, जिससे प्रदेश के थोक लहसुन व्यापारियों में नाराजगी फैल गई है।
व्यापारियों का विरोध
प्रदेश के थोक लहसुन व्यापारियों ने चाइनीज लहसुन को सिरे से नकारते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने एक दिन के लिए मंडियों में नीलामी बंद कर दी। इस विरोध के चलते चाइनीज लहसुन लाने वाले व्यापारियों को वापस लौटना पड़ा।
मांग-आपूर्ति की स्थिति और दामों में वृद्धि
लहसुन की बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति के कारण इसके दामों में तेजी देखी जा रही है। इस स्थिति का फायदा उठाते हुए चीन ने चोरी-छिपे भारत में अपने लहसुन को बेचना शुरू कर दिया है।
व्यापारियों का सामूहिक विरोध
थोक लहसुन व्यापारी मोहम्मद शरीफ ने पुष्टि की है कि पूरे प्रदेश के व्यापारी चाइनीज लहसुन के खिलाफ एकजुट हैं और किसी भी मंडी में इसे आने नहीं देंगे।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट ने सवाल उठाया है कि तस्करी के माध्यम से चाइनीज लहसुन भारत में कैसे पहुंच रहा है, इसकी जांच की जानी चाहिए। वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शिवम शुक्ला ने व्यापारियों के कदम का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों का समर्थन किया है, और कहा कि अनैतिक कार्यों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
बॉर्डर पर बड़ी मात्रा में लहसुन की जब्ती
इंडो-नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले छह महीनों में 13 टन से अधिक चाइनीज लहसुन जब्त किया है। चीन अपना लहसुन भारत की सीमा के नजदीक नेपाल के नारायणघाट, चितवन और अन्य स्थानों पर डंप कर रहा है, जिसे बाद में तस्करी करके भारत के विभिन्न हिस्सों में भेजा जा रहा है।