संगीत नगरी से ताज नगरी के बीच की दूरी अब होगी कम, नवंबर से शुरू होगा नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य

ग्वालियर को सीधे आगरा से जोड़ने वाला 88.4 किमी लंबा छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे नवंबर 2025 से बनना शुरू होगा और 2028 तक पूरा होगा। यह प्रोजेक्ट तीन राज्यों के 63 गांवों से होकर गुजरेगा और यात्रा समय को 4 घंटे से घटाकर 90 मिनट कर देगा।

Srashti Bisen
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उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान को जोड़ने वाला 88.4 किलोमीटर लंबा एक नया छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे नवंबर 2025 से निर्माण की प्रक्रिया में प्रवेश करेगा। यह एक्सप्रेसवे ग्वालियर को सीधे आगरा से जोड़ेगा, जिससे यात्रा का समय और दूरी दोनों में उल्लेखनीय कमी आएगी। यह परियोजना यमुना एक्सप्रेसवे की तर्ज पर विकसित की जा रही है और इसका लाभ तीन राज्यों के दर्जनों गांवों और हजारों यात्रियों को मिलेगा।

इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए आगरा, धौलपुर और मुरैना जिलों के कुल 63 गांवों की लगभग 550 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। हितग्राही किसानों को मुआवजा राशि का वितरण अंतिम चरण में है। एनएचएआई ने इस परियोजना का ठेका उदयपुर स्थित जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को 4612.65 करोड़ रुपये में दिया है। कंपनी को यह कार्य नवंबर 2025 से प्रारंभ कर 30 महीनों में, यानी वर्ष 2028 तक पूरा करना होगा।

किस क्षेत्र से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे

यह एक्सप्रेसवे मुरैना के दिमनी क्षेत्र से होकर ग्वालियर के महाराजपुरा तक पहुंचेगा। रास्ते में यह शनिश्चरा क्षेत्र को भी कवर करेगा। भूमि अधिग्रहण में मुरैना और ग्वालियर जिले के 30 गांवों, आगरा के 18 गांवों, और धौलपुर के 23 गांवों की जमीन शामिल है।

  • मध्यप्रदेश (मुरैना-ग्वालियर): 255 हेक्टेयर भूमि
  • उत्तर प्रदेश (आगरा): 132 हेक्टेयर भूमि
  • राजस्थान (धौलपुर): 162 हेक्टेयर भूमि

इन क्षेत्रों को मिलेगा सबसे अधिक लाभ

एक्सप्रेसवे का सबसे अधिक लाभ दिमनी, अबाह और पोरसा क्षेत्रों को मिलेगा, क्योंकि इन स्थानों से आगरा की वर्तमान दूरी 130 किलोमीटर है जिसे तय करने में लगभग 4 घंटे लगते हैं। एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह दूरी घटकर 50 किलोमीटर रह जाएगी और यात्रा का समय मात्र 90 मिनट होगा।

आधुनिक तकनीक और यातायात सुरक्षा की व्यवस्था

इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को आधुनिक जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम और एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से लैस किया जाएगा। कंट्रोल रूम के माध्यम से किसी भी दुर्घटना या गाड़ी के रुकने पर तत्काल एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना पहुंचेगी। साथ ही, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए वायाडक्ट और सुरंगों का निर्माण भी किया जाएगा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर का शानदार खाका

एक्सप्रेसवे के मार्ग में निम्नलिखित संरचनाएं बनाई जाएंगी:

  • 8 बड़े पुल
  • 23 छोटे पुल
  • 6 लायओवर
  • 5 एलिवेटेड वायाडक्ट
  • 1 रेलवे ओवरब्रिज
  • 42 अंडरपास

वाहनों को 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से चलने की अनुमति होगी। सभी पहाड़ी क्षेत्रों को री-अलाइन कर समतल किया जाएगा ताकि यात्रा में कोई अवरोध न आए।

एनएच-44 की मरम्मत भी होगी साथ-साथ

जीआर इंफ्रा को ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के साथ-साथ मौजूदा नेशनल हाईवे 44 की मरम्मत का कार्य भी सौंपा गया है। यह मरम्मत ग्वालियर से धौलपुर होते हुए आगरा तक की जाएगी और इसके लिए कंपनी को अक्टूबर 2026 तक का समय दिया गया है।