मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य की इकलौती बेटियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने और उनके परिवारों को आर्थिक राहत देने के उद्देश्य से एक खास योजना की शुरुआत की है। इस योजना का नाम ‘एकल बालिका के लिए शिक्षा विकास छात्रवृत्ति’ है।
इसके अंतर्गत पात्र छात्राओं को हर साल 5,000 रुपए की छात्रवृत्ति दी जाएगी, जो सीधे उनके बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है। यह पहल उन परिवारों के लिए बेहद मददगार है, जिनकी सिर्फ एक बेटी है और वे उसकी पढ़ाई को लेकर चिंतित रहते हैं।

कौन ले सकता है योजना का लाभ?
इस छात्रवृत्ति योजना का लाभ वही छात्राएं उठा सकती हैं, जो अपने माता-पिता की एकमात्र संतान हों और मध्य प्रदेश की स्थायी निवासी हों। साथ ही, उनके द्वारा 10वीं कक्षा में मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से कम से कम 60% अंक प्राप्त किए गए हों। इसके अतिरिक्त, छात्रा वर्तमान में कक्षा 11वीं या 12वीं में पढ़ाई कर रही हो और उसके स्कूल की ट्यूशन फीस 1,500 रुपए प्रति माह से कम होनी चाहिए। साथ ही पिछली कक्षा सफलतापूर्वक पास की गई हो, यह भी जरूरी शर्त है।
किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता?
आवेदन करते समय छात्रा को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार कार्ड
- मध्य प्रदेश का निवास प्रमाण पत्र
- एकल संतान प्रमाण पत्र (यदि माता-पिता सरकारी कर्मचारी हैं, तो सरकारी प्रमाण-पत्र या राशन कार्ड की सत्यापित प्रति)
- राशन कार्ड
- कक्षा 10वीं और 11वीं की मार्कशीट
- बैंक पासबुक की प्रति
कैसे करें अप्लाई?
यह योजना पूरी तरह ऑफलाइन मोड में संचालित की जाती है। इच्छुक और पात्र छात्राएं अपने स्कूल या संस्था के प्रधानाचार्य से संपर्क कर इस योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं। हालांकि, छात्रा का विवरण और प्रोफाइल मध्य प्रदेश के शिक्षा पोर्टल (https://shikshaportal.mp.gov.in) पर भी अपडेट होना आवश्यक है। स्कूल प्रशासन ही इस पोर्टल पर छात्रा की जानकारी दर्ज करेगा।