मध्य प्रदेश विधानसभा में लागू होगी नई ड्रेस कोड व्यवस्था, आगामी सत्र में अधिकारी-कर्मचारी पहनेंगे एक समान पोशाक

मध्य प्रदेश विधानसभा में आगामी सत्र से अधिकारी और कर्मचारी एक समान ड्रेस कोड में नजर आएंगे, जिसमें पुरुषों के लिए पैंट-शर्ट व जैकेट और महिलाओं के लिए साड़ी निर्धारित की गई है। ड्रेस की आपूर्ति सचिवालय करेगा और इसके लिए कंपनियों से निविदाएं मांगी गई हैं। इसका उद्देश्य सदन में कार्यरत सभी कर्मियों में एकरूपता और अनुशासन बनाए रखना है।

Srashti Bisen
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मध्य प्रदेश विधानसभा के आगामी सत्र से सदन का दृश्य कुछ नया और अनुशासित नजर आएगा, क्योंकि अब वेल ऑफ द हाउस में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी एक समान पोशाक में दिखाई देंगे।

विधानसभा सचिवालय ने ड्रेस कोड लागू करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत पुरुषों को पैंट-शर्ट के साथ समर जैकेट या बंद गले का कोट पहनना होगा, जबकि महिलाओं के लिए साड़ी और ब्लाउज निर्धारित किया गया है। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य है कि सदन के भीतर बैठने वाले कर्मचारियों के बीच एकरूपता और अनुशासन झलके।

ड्रेस कोड की आपूर्ति के लिए कंपनियों से आमंत्रण

फिलहाल अधिकारियों के लिए किसी विशेष परिधान की अनिवार्यता नहीं थी, केवल यह निर्देशित किया गया था कि वे मर्यादित वस्त्र पहनें। लेकिन अब सचिवालय द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य होगा और इन वस्त्रों की व्यवस्था भी स्वयं विधानसभा सचिवालय करेगा। इसके लिए इच्छुक कपड़ा आपूर्तिकर्ता कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं, जिसकी अंतिम तिथि 10 जून निर्धारित की गई है। इसके पश्चात कोई भी ऑफर स्वीकार नहीं किया जाएगा।

क्या है ‘वेल ऑफ द हाउस’?

‘वेल ऑफ द हाउस’ वह क्षेत्र है जहां विधानसभा सचिवालय की प्रमुख शाखाओं जैसे विधान, प्रश्न और ध्यानाकर्षण शाखा के अधिकारी और कर्मचारी बैठते हैं। इनमें से कुछ शाखाओं के कर्मचारियों की ड्यूटी सत्र के दौरान सीमित समय के लिए होती है, जबकि विधान शाखा और रिपोर्टिंग विंग के अधिकारी पूरे सत्र के दौरान सदन में मौजूद रहते हैं। विशेष रूप से रिपोर्टिंग विंग की जिम्मेदारी होती है सदन की कार्यवाही का संपूर्ण लेखा-जोखा तैयार करना। ऐसे में सभी कर्मचारियों का एक जैसे वस्त्रों में होना अनुशासन और गरिमा को और अधिक मजबूत करेगा।