Modi Sarkar Decision : मोदी सरकार ने 58 साल पुराने आरएसएस पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया हैं। बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के बीच तनातनी चल रही थी। इस दौरान डिपार्मेंट आफ पर्सनल और ट्रेनिंग ने आदेश जारी करते हुए सरकारी कर्मचारियों के RSS की सभी गतिविधियों में शामिल होने पर लगा हुआ प्रतिबंध हटा दिया है। गौरतलब हो कि गांधी जी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने आरएसएस पर बैन लगा दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के RSS के कार्यक्रमों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे अब मोदी सरकार द्वारा हटा दिया गया हैं।
जानकारी के मुताबिक पूर्व की केंद्र सरकारों के द्वारा 1966, 1970 और 1980 के उन आदेशों में संशोधन किया गया है, जिनमें कुछ अन्य संस्थाओं के साथ-साथ आरएसएस की शाखाओं और अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर सरकारी कर्मचारियों पर कड़े दंडात्मक प्रावधान लागू किए गए थे।
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RSS के कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक
पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने समय-समय पर सरकारी कर्मचारियों पर आरएसएस के कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक लगा दी थी। आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर कर्मचारियों को कड़ी सजा देने तक का प्रावधान लागू किया गया था।
सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत
इस वजह से सेवानिवृत होने के बाद पेंशन लाभ इत्यादि को ध्यान में रखते हुए भी अनेक सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने से बचते रहे थे। हालांकि, इस बीच मध्य प्रदेश सहित कई राज्य सरकारों ने इस आदेश को निरस्त कर दिया था। लेकिन इसके बाद भी केंद्र सरकार के स्तर पर यह वैध बना हुआ था। इस मामले में एक केस इंदौर की अदालत में चल रहा था, जिस पर अदालत ने केंद्र सरकार से उसका नजरिया भी मांगा था।
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