DA Hike: लोकसभा चुनाव से पहले पिछले कुछ महीनों में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के डीए यानी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी कर दी थी। जहां पहले डीए 46 फीसदी था, अब 50 फीसदी हो गया है। वहीं, लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख की घोषणा के बाद राज्य सरकार ने डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। यानी जहां पहले सरकारी कर्मचारियों को 10 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता दिया जाता था, वहीं अब उन्हें 14 फीसदी की दर से डीए दिया जाता है।
जिसे पिछले अप्रैल से लागू किया जा रहा है। लेकिन इन सबके बावजूद राज्य सरकार के कर्मचारियों के डीए मामले लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। राज्य सरकार के कर्मचारियों के पांचवें वेतन आयोग से संबंधित डीए बकाया की वसूली के लिए पिछले लगभग 8 वर्षों से कानूनी लड़ाई चल रही है। पहले ये मामला हाई कोर्ट में उठा, लेकिन बाद में ये सुप्रीम कोर्ट में चला गया। मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
लेकिन हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई में बार-बार देरी हो रही है। पिछले 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में लंबित डीए मामले की सुनवाई होनी थी। हालांकि, उस दिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इन परिस्थितियों में मामला स्थगित कर दिया गया। जिससे सरकारी कर्मचारी निराश हैं। बताया गया है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के संगठन संगमरी संगम मंच ने डीए मामले में सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखा है।
उस मंच के संयोजकों में से एक भास्कर घोष ने पत्र लिखकर मामले के शीघ्र समाधान की मांग की है। उन्होंने डीए आंदोलन के कारण राज्य के कुछ सरकारी कर्मियों के भविष्य पर भी सवाल उठाया है। सरकारी कर्मचारियों के डीए का मामला 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में आने की उम्मीद है। लेकिन इस बार संगमरी संयुक्त मंच ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि मामले को स्थगित न किया जाए।