पूरे देश में इस समय नीट की परीक्षा को लेकर जो घोटाला हुआ है। उसकी चर्चा चल रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि सिस्टम को धोखा देकर जो डॉक्टर बनेंगे वे समाज का कितना भला करेंगे?
सुप्रीम कोर्ट ने जो बात कही है वह वाकई विचारणीय है। कोर्ट ने सिस्टम से धोखाधड़ी कर डॉक्टर बनने वालों से खतरों के प्रति सचेत करते हुए उस स्थिति की कल्पना करने के लिए कहा, जहां किसी व्यक्ति ने सिस्टम के साथ धोखाधड़ी की और वह डॉक्टर बन गया ऐसा व्यक्ति कितना अधिक घातक होगा, इसका अंदाजा लगा लिया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले में जो टिप्पणी की है। वह पूरे देश के बौद्धिक समाज के लिए सोचने लायक है क्या हमने अपनी परीक्षा प्रणाली को इतना अधिक भ्रष्ट कर दिया कि उसके इस तरह के परिणाम सामने आ रहे हैं। देश का युवा वर्ग जो मेहनत से परीक्षा पास करने की तैयारी करता है उसके लिए तो सबसे अधिक बुरी स्थिति खड़ी कर दी गई है। ऐसे में प्रतिभाशाली युवाओं के लिए कौन से अवसर बचेंगे इस पर विचार किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नीट यूजी में गड़बड़ियों के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर किसी की ओर से 0.01% भी लापरवाही हुई है, तो उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए कोर्ट ने कहा की नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और केंद्र सरकार के सभी मामलों को प्रतिकूल मुकदमें बाजी की तरह नहीं लिया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा डॉक्टर बनने का सपना संजोकर नीट के लिए कड़ी मेहनत करने वाले विद्यार्थियों की व्याकुलता को समझते हुए हम सभी जानते हैं, कि परीक्षाओं के लिए बच्चे कितनी मेहनत करते हैं।