इंदौर पुलिस नगरीय जोन-01 Cyber helpdesk ने आवेदक को 19 लाख की ठगी से बचाया, शहर में बढ़ रहे हैं मामले

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वर्तमान में साइबर ठगों द्वारा रोज़ नए नए हथकंडो के माध्यम से ठगी को अंजाम दिया जा रहा है कभी हाउस अरेस्ट, कभी लोन एप्लीकेशन, कभी क्रिप्टोकरेंसी में फयदा पहुंचने के नाम पर, ब्लॉकचेन तकनीक के विकास के साथ ही धोखाधड़ी के मामले इंदौर शहर में भी बढ़ते जा रहे हैं।

इंदौर नगरीय क्षेत्र में साइबर अपराधों की बढती संख्या एवं सायबर अपराधों की रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री राकेश गुप्ता एवं अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून/व्यवस्था) इंदौर श्री अमित सिंह द्वारा सायबर अपराध से पीड़ित आवेदकों को त्वरित कानूनी कार्यवाही कर सहायता पहुचने के निर्देश दिए गए थे। उक्त निर्देशों के पालन में पुलिस उपायुक्त जोन-01 श्री विनोद कुमार मीणा के निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन-01 इंदौर श्री आलोक कुमार शर्मा, के संज्ञान में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर हुई 19 लाख की धोखाधड़ी का मामला आते ही उन्होंने अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन-01 इंदौर की साइबर डेस्क को तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए, जिस पर टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए आवेदक के 3 लाख रुपये तत्काल वापस करवाए व् शेष 16 लाख रु तत्काल आरोपी के बैंक अकाउंट में फ्रीज करवाते हुए NCRP के पोर्टल पर शिकायत इन्द्राज करवाई गई।

पुष्पक महाजन निवासी इन्दौर ने अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन-01 के कार्यालय पहुंचकर आवेदन प्रेषित करते हुए पूरा घटनाक्रम बताया की मेरे द्वारा विगत समय में क्रिप्टो करन्सी में प्रतिमाह बचत के हिसाब से 500-700रु जमा किये जाते रहे हैं। दिनांक 25.05.2024 को प्रार्थी को एक टेलीग्रांम आई.डी. के माध्यम से दलाल ने बताया की आपके 2 लाख 60 हजार रुपये क्रिप्टोकरन्सी के खाते में जमा हो गये है और आप 3 लाख रुपये और खाते में जमा कर दो तो आपको 07 लाख रुपये मिलेगे, इसमे से 1.5 लाख रुपये मैं दलाली के आपसे प्राप्त करूँगा। फिर दलाल ने मुझे कहा की आप और 5 लाख रुपये जमा कर दीजिये फिर मुझे मेल आया कि आपके 89 पाईन्ट हो गये हैं आप 11 लाख रुपये और जमा कर दीजिये तो आपको 25 लाख रुपये मिल जायेगें। इस प्रकार मेरे द्वारा 5 लाख एवं 11 लाख रुपये कुल 16 लाख रुपये उनके द्वारा बताए खातों मे जमा किये गये। और फिर मेल आया कि 10 लाख 24 हजार रुपये और जमा करा दीजिये फिर मुझे उस पर शंका हुई की वह मेरे साथ धोखाधड़ी तो नही कर रहा हैं। और मैने फिर शिकायत की।

आवेदक की शिकायत प्राप्त होने पर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन-01 श्री आलोक शर्मा ने स्वयं संज्ञान में लेकर साइबर डेस्क प्रारंभ होने के बाद तत्काल कार्यवाही करते हुए 3 लाख रु वापस करवाने व 16 लाख रु की फ्रीज करवाने में सफल रहे। साइबर डेस्क प्रारंभ होने के बाद ये पहला मामला था, जिसमे त्वरित कार्यवाही कर आवेदक के साथ ठगी होने से बचाया।