आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि आयुर्वेद के ‘भ्रामक विज्ञापन’ मसले पर बाबा रामदेव पेश हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और पतंजली के MD आचार्य बालकृष्ण पर फटकार लगाई थी क्यूंकि उन्होंने नोटिस का जवाब दाखिल नहीं किया था। इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 2 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया था।
आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने पिछले नोटिस का भी जवाब नहीं दिया। हम दस्तावेज देख रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि जवाब नहीं देने पर कंपनी और प्रबंधन के खिलाफ अवमानना का मामला क्यों नहीं चलाया जाना चाहिए। कोर्ट ने बाबा रामदेव और अन्य आरोपियों का हलफनामा मांगा है। इसके साथ पतंजलि की ओर से वकील बलवीर सिंह और वकील सांघी ने दलीलें पेश कीं।
पतंजलि ने कहा- रामदेव कोर्ट में हैं, भीड़ की वजह से हम उन्हें कोर्ट में नहीं ला सके। जस्टिस अमानतुल्लाह ने कहा- ठीक है, कोई बात नहीं, बुलाइए, हम पूछेंगे। विज्ञापन मामले पर सुप्रीम कोर्ट 10 अप्रैल को सुनवाई करेगा। इसके साथ कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
‘पतंजलि कंपनी भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही’
कोर्ट ने कहा था कि पतंजलि कंपनी भ्रामक विज्ञापन दावे करके देश को धोखा दे रही है कि उसकी दवाओं से कुछ बीमारियाँ ठीक हो जाएंगी, जबकि इसका कोई ठोस सबूत नहीं है। पतंजलि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम में निर्दिष्ट बीमारियों के इलाज का दावा करने वाले अपने उत्पादों का विज्ञापन नहीं कर सकती है।