विवादों में रहा भारतीय कुश्ती महासंघ के एकबार फिर से चर्चा में आया है। जिसपर खेल मंत्रालय ने निलंबित के अध्यक्ष संजय सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि अगर संजय सिंह या कोई अन्य सदस्य निलंबित डब्ल्यूएफआई के स्टेटस को लेकर निराधार दावे करना जारी रखता है तो वह यह कदम उठाएंगे।
आपको बता दें संजय सिंह ने दावा किया कि उन्हें विश्वास है कि सरकार महासंघ के निलंबन को रद्द कर देगी और वह 10 दिनों के भीतर अध्यक्ष के रूप में वापस आ जाएंगे। इतना ही नही संजय सिंह, पुणे में एक सीनियर नेशनल कंप्टीशन के मौके पर बोल रहे थे, जो खेल मंत्रालय के आदेशों की अवहेलना करते हुए आयोजित की गई थी।
वही अब खेल मंत्रालय ने अपना एक आधिकारिक नोटिस जारी किया है जहां कहा है कि निलंबित महासंघ द्वारा आयोजित किसी भी कंप्टीशन को गैर-मान्यता प्राप्त” माना जाएगा। भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति के पास राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त टूर्नामेंट आयोजित करने की शक्ति है।
इस बीच ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने निलंबित भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय सिंह पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पुणे में नेशनल चौंपियनशिप में पहलवानों को फर्जी प्रमाणपत्र दिए गए हैं। साक्षी ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें एक पहलवान को एक विशेष वेट कटेगरी सिल्वर मेडल जीतने पर प्रमाणपत्र दिया गया था। प्रमाणपत्र में पहलवान के जन्म का वर्ष 2023 था।
गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती महासंघ बीते वर्ष से काफी विवादों में रहा है। पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण की आरोप लगाया है। जिसको लेकर खिलाड़ियों ने कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन भी किए थे । हालांकि इस वर्ष खेल मंत्रालय ने कायर्रवाई करते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ को नीलंबित कर दिया था । वहीं अब फिर से विवाद बढ़ने लगा है।