IMD Rainfall Alert Today: बीते कई दिनों से देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्राणघातक हवा के दौरान राज्य में स्थिति हाथ से निकलते हुए जा रही हैं। बीते कुछ दिनों से आकाश में भी धुएं की सफेद चादर ने चारों ओर से जकड़ लिया है। ऐसे में मौसम कार्यालय की यह न्यूज राहत देने वाली है। वास्तव में, मौसम कार्यालय का कहना है कि शीघ्र ही एक नवीन वेस्टर्न डिस्टर्बेंस पहाड़ी क्षेत्रों में एंट्री लेने वाला है। ऐसे में यह आशा जताई जा रही है कि इसका सीधा प्रभाव मैदानी क्षेत्रों में दिखाई देगा। वहीं अभी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते हवा में उपस्थित प्रदूषकों को समाप्त करने के लिए जो हालात पैदा होने वाले हैं, वो आज यानी मंगलवार रात्रि से निर्मित होने लगेंगी। मौसम कार्यालय की ओर से लागू समाचार के मुताबिक, मंगलवार देर रात्रि से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के हाईएस्ट प्लेस वाले इलाकों में एक फ्रेश वेस्टर्न डिस्टर्बेंस दरस्तक देगा।
इसके परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में 7 नवंबर से 10 नवंबर तक वर्षा समेत स्नोफॉल भी देखने को मिल सकता है। वहीं हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 8 से 10 नवंबर के मध्य वर्षा का दौर कायम रह सकता है। राजस्थान और पंजाब में भी 8 से 9 नवंबर के दरमियान वातावरण काफी हद तक डाउन रहने का अंदेशा जताया गया हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आगामी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते दिल्ली में प्रदूषण को खत्म करने के लिए अनुकूल हालात मंगलवार रात्रि से बनने की आशंका जताई गई है। इसके चलते उत्तर-पश्चिमी भारत में बिन मौसम बरसात हो सकती है।
यहां वहीं 10 नवंबर तक दक्षिण प्रायद्वीपीय इलाकों में तूफानी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट भी लागू कर दिया गया है। जहां पर केरल और माहे में 8 नवंबर तक जबकि तमिलनाडु से लेकर कराईकल में 10 नवंबर तक आक्रमणकारी वृष्टि का दौर देखें को मिल सकता हैं। वहीं आज के वेदर की बात करें तो स्काईमेट वेदर की गणना अनुसार के आज तमिलनाडु, दक्षिणी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी कर्नाटक में भारी से भारी वृष्टि के प्रबल आसार जताए गए है। तटीय आंध्र प्रदेश, केरल, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मामूली से भारी वर्षा हो सकती है।
दक्षिणी ओडिशा और दक्षिणी तेलंगाना में साधारण वर्षा समेत एक या दो जगहों पर भारी वर्षा हो सकती है। इधर अगले 24 घंटों के बाद गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख और जम्मू कश्मीर में मामूली वर्षा और स्नोफॉल हो सकता है। वहीं फिलहाल दिल्ली और एनसीआर के एयर क्वालिटी मापक में कोई विशेष परिवर्तन की आशा नहीं की जा सकती है।