विपिन नीमा
इंदौर। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपनी दूसरी सूची भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गी को विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 से टिकट देकर बड़ा धमाका किया। किसी ने सोचा भी नहीं था कि पार्टी हाई कमान इतना बड़ा बदलाव कर देगी। इस बदलाव से एक तरफ जहां कैलाश जी को नया विधानसभा क्षेत्र मिला है, वही भाजपा को दो झटके भी लगे। इन झटकों से आकाश विजयवर्गीय सुदर्शन गुप्ता लगभग दोनों ही चुनावी मैदान से बाहर हो गए।
कैलाश विजयवर्गीय का मुकाबला किस होगा यह तो कांग्रेस की सूची जारी होने पर पता चलेगा , लेकिन पूरी संभावना है कि उनकी टक्कर कांग्रेस के विधायक संजय शुक्ला से होंगी। अगर संजय शुक्ला सामने आए तो निश्चित रूप से यह चुनाव प्रदेश का सबसे दिलचस्प और महंगा चुनाव होगा। इस चुनाव में दोनों तरफ से धन बल और ताकत प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।
मजबूत दावेदारी पेश की थी सुदर्शन ने, पर क्या करें?
वैसे तो विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक भाजपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी संजय शुक्ला ने दो बार के विधायक रहे सुदर्शन गुप्ता को हराकर एक बड़ा उलट फिर किया था। हार का कारण क्षेत्र के लोगों में सुदर्शन को लेकर काफी असंतोष था। बताया गया है कि आगामी दिनों में होने वाले चुनाव के लिए सुदर्शन प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, वे पूरी तरह से सक्रिय भी हो गए थे, लेकिन कैलाश को टिकट देकर सुदर्शन के अरमानो पर पानी फिर गया। इस चुनाव में संजय को 114555 वोट मिले थे, जबकि सुदर्शन को 106392 वोट मिले। इस तरह संजय शुक्ला ने ने 8 हजार मतों से जीत दर्ज कर भाजपा की जीत का सिलसिला तोड़ दिया ।
चार, दो और महू को हराकर एक में पहुंचे कैलाश जी
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव
कैलाश विजयवर्गीय के चुनावी पारी की शुरुआत 1990 में हुई । वे क्षेत्र क्रमांक 4 से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने । इसके बाद में राजनीति में तेजी से आगे बढ़ते गए और चुनाव पे चुनाव जीतते गए। इसके बाद वे अपने गृह क्षेत्र विधानसभा 2 से 1993, 1998, 2003 में चुनाव जीते। 2008 के चुनाव में पार्टी हाई कमान ने अपराजिता कैलाश विजयवर्गीय को महू की सीट देकर सबको चौंका दिया। लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा और महू सीट से विजय प्राप्त करने के बाद ज़िले से लगातार पाँचवीं बार विधायक बनने वाले पहले उम्मीदवार बने। पार्टी ने उन्हें अब विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक में पहुंचा दिया हैं। यहां पर उनका मुकाबला किससे होगा यह आने वाले चार-पांच दिनों में पता चल जाएगा। वैसे संजय शुक्ला का नाम लगभग तय माना जाता है।
एक के बाद एक चुनाव जीतते चले गए कैलाश विजयवर्गीय
▪️ 1990 विधानसभा – 4
कैलाशजी – 48413
इकबाल खान – 22811
जीत का अंतर – 25602
▪️ 1993 विधानसभा – 2
कैलाशजी – 59346
कृपाशंकर शुक्ला – 38284
जीत का अंतर – 21062
▪️ 1998 विधानसभा – 2
कैलाशजी – 64409
रेखा गाँधी – 44136
जीत का अंतर – 20273
▪️ 2003 विधानसभा – 2
कैलाशजी – 86175
अजय राठौर – 50264
जीत का अंतर – 35911
▪️ 2008 महू
कैलाशजी – 67192
अंतरसिंह दरबार – 57401
जीत का अंतर – 9791
▪️ 2013 महू
कैलाशजी – 89848
अंतरसिंह दरबार – 77632
जीत का अंतर – 12216
विधानसभा एक में होगा प्रदेश का हाई प्रोफाइल चुनाव
आज की स्थिति में कांग्रेस के पास एक भी मजबूत नेता नहीं है, जो राजनीति के खिलाड़ी और रणनीतिकार कैलाश विजयवर्गीय को कड़ी टक्कर दे सके। दूसरी और कांग्रेस को यह भी मालूम है की कैलाशजी को संजय शुक्ला ही है, जो धन, बाल और ताकत के साथ उनका सामना कर सकता है। इसलिए यह पक्का है कि कैलाश विजयवर्गी का मुकाबला संजय शुक्ला से ही होगा.। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश का सबसे हाई प्रोफाइल चुनाव होगा, जिस पर पूरे प्रदेश की नजर टिकी रहेगी..।
वर्ष 85 से 2018 तक विधानसभा एक की ये है स्थिति
1985 –
ललित जैन – 28228
सत्यनारायण सत्तन- 20368
जीत का अंतर – 7870
1990 –
ललित जैन – 36568
सत्यनारायण सत्तन – 32440
जीत का अंतर – 4228
1993-
लालचंद मित्तल – 50576
ललित जैन – 42216
जीत का अंतर – 8360
1998 –
रामलाल यादव – 55873
लालचंद मित्तल – 50433
जीत का अंतर – 5440
2003 –
उषा ठाकुर – 85346
रामलाल यादव – 57886
जीत का अंतर – 27460
2008 –
सुदर्शन गुप्ता – 61047
संजय शुक्ला – 52864
जीत का अंतर – 8183
2013 –
सुदर्शन गुप्ता – 99558
कमलेश खंडे -45382
जीत का अंतर – 65176
2018 – संजय शुक्ला – 114555
सुदर्शन गुप्ता – 106392
जीत का अंतर – 8163
2023 – कैलाश विजयवर्गीय –
संजय शुक्ला या अन्य -?
लोकासभा – महापौर चुनाव में भी बढ़त मिली
▪️ पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन लोकसभा चुनाव में विधानसभा एक से कभी हारी नहीं.।
▪️महापौर के चुनाव में पुष्य मित्र भार्गव को एक नंबर से 15704 वोटो की बढ़त मिली थी।