चीन की जासूसी जहाजों के महासागर में हदों को लांघने के मंसूबे की चर्चा चल रही है। चीन द्वारा रिसर्च सर्वे के नाम पर तैयारी की जा रही शी यान-6 नामक जहाज 6 अक्टूबर को श्रीलंका में लंगर डालने के लिए तैयारी में है। चीन ने नई दिल्ली में होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन के बाद इस जहाज की सर्वेलेंस की मंजूरी की मांग की है।
सुरक्षा की दिशा में कदम:
श्रीलंका की नौसेना ने चीनी जहाज के श्रीलंका में लंगर डालने के खिलाफ अनापत्ति जारी की है और उन्होंने रक्षा और विदेश मंत्रालय को सिफारिश भेजी है। सूत्रों के अनुसार, श्रीलंका सरकार इस महीने के आखिर तक इस जहाज को आधिकारिक अनुमति देने का प्लान बना रही है।
भारत की चिंता:
भारत ने पिछले साल भी चीन के युआन वेग 5 नामक जहाज के श्रीलंका आगमन के खिलाफ विरोध किया था, क्योंकि इसे रिसर्च का बहाना बनाकर स्पाइनेज किया जा रहा था। हालांकि चीन इस समय भी रिसर्च के नाम पर एक और जहाज भेज रहा है। जिससे भारत की चिंता बढ़ गयी है।
सुरक्षा और विदेश नीति:
यह घटनाक्रम दिखाता है कि सुरक्षा एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है और देशों को विदेश नीति बनाते समय सुरक्षा की परमितियों का पालन करना आवश्यक है।