इंदौर। हमारी बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से कई बीमारियों ने हमारे शरीर में जगह बना ली है। गलत खानपान हमारे स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डालता है जिसके चलते डायबिटीज, मोटापा, ब्लड प्रेशर और अन्य प्रकार की समस्या होती है साथ ही हार्ट संबंधित समस्या भी इन्हीं सब कारणों की वजह से सामने आ रही है। वहीं कॉविड के बाद से हार्ट अटैक के केस में बढ़त हुई हैं। जिसमें हार्ट की एओटिक बीमारी में बढ़त हुई है। साथ ही लोगों के ब्लड वेसल्स में क्लॉट बनने की टेंडेंसी में इज़ाफा हुआ है। इस वजह से हार्ट और लंग्स की समस्या सामने आती है। यह बात डॉ संदीप श्रीवास्तव ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही। वह शहर के प्रतिष्ठित मेदांता हॉस्पिटल में एडल्ट कार्डियक सर्जरी, एओटिक सर्जरी, कार्डियक सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी और अन्य सर्जरी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सवाल. पुरुष और महिलाओं में हार्ट संबंधित समस्या ज्यादा किसमे पाई जाती है
जवाब. हार्ट से संबंधित समस्या में अगर जेंडर की बात की जाए तो महिलाओं के मुकाबले पुरुष हार्ट संबंधित समस्या के ज्यादा शिकार होते हैं। महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हार्ट की आर्टरी में ब्लॉकेज होने की संभावना कम होती है। उस अवधी के दौरान हार्मोंस इस समस्या को कम करते हैं। वहीं बात अगर हार्ट समस्या की करी जाए तो हमारे देश में पश्चिमी देशों की तुलना में 10 साल पहले यह बीमारी सामने आती है।
सवाल. फॉरेन कल्चर एडॉप्ट करने से हमारे स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है
जवाब. हार्ट से संबंधित समस्या हमारी बिगड़ती लाइफ स्टाइल, और खान पान की वजह से सामने आती है। कई पेशेंट में यह समस्या जेनेटिक रूप से भी सामने आती है। हम फॉरेन कल्चर को एडॉप्ट तो कर रहे हैं, लेकिन सही दिशा में नही। उनकी तरह जंक फ़ूड और फास्ट फूड तो हमने हमारे खान पान में शामिल कर लिया लेकिन यह नोटिस नही किया, की पश्चिम देशों में किसी भी रेसीडेंशियल सोसाइटी के लिए एक ग्राउंड, पार्क होता है। और हमारे यहां इमारते बनती जा रही है, खेलने कूदने की जगह ही नहीं बची। जब भी शहर का सरकारी महकमा मुझसे हेल्थ के ऊपर सुझाव मांगता हैं, तो में हमेशा यही कहता हूं कि आप पहले यह देखिए की कितनी पॉपुलेशन पर ग्राउंड प्लान कर रहे हैं। हमारा मकसद बड़ी-बड़ी माल्टिया नहीं बनाना है हमें बेहतर स्पेस के साथ बेहतर स्वास्थ्य देना है।
सवाल. क्या किसी व्यक्ति को पहले से कोई बीमारी हो तो उसे हार्ट से संबंधित समस्या का खतरा रहता है
जवाब. आज के दौर में सबसे बड़ा चैलेंज कोरोनरी आर्टरी डिजीज है जिसमें बायपास सर्जरी की जाती है। कोरोनरी आर्टरी से संबंधित समस्या में काफी बढ़त युवाओं में देखने को मिल रही है। मल्टीपल ब्लॉक्स होने से बायपास एक बेहतर विकल्प है। वहीं डायबिटिक पेशेंट में बायपास सर्जरी करना बेहतर होता है। हार्ट अटैक की तरह खतरनाक एओटीक डिसेक्शन एक बीमारी होती है, इसमें सीने में भारीपन और दर्द होता है। इसका सही समय पर चेकअप करवाकर इलाज़ करवाना जरूरी होता है ताकि सिम्टम्स को शुरुआती लक्षण में पड़कर इसका ट्रीटमेंट किया जा सके। कई बार डायबिटिक, ब्लड प्रेशर, मोटापे की वजह से हार्ट से संबंधित समस्या देखी जाती है ऐसे लोगों को खास ख्याल रखना जरूरी होता है।
सवाल. हार्ट संबंधित समस्या से बचने के लिए किस प्रकार का खान-पान होना जरूरी है
जवाब. अक्सर मैंने यह देखा है कि मुझसे लोग पूछते है कि क्या खाएं तो हार्ट प्रॉब्लम कम होगी, में यही कहता हूं कि कम खाएं तो हार्ट प्रॉब्लम कम होगी। सीमित भोजन, नियमित व्यायाम, मेडिटेशन एक बेहतर स्वास्थ्य और हेल्दी हार्ट रखता है।लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपने खान पान में मोटा अनाज शामिल करना चाहिए, जिसमें ज्वार, बाजरा, मक्का इन सब को सप्ताह की खान पान में शामिल करना चाहिए। मोटे अनाज में रिफाइंड कार्बोहाइट्रेड कम होता है जो कि हमारे स्वास्थ्य और हार्ट के लिए फायदेमंद है।
सवाल.आर्टरी से संबंधित बीमारियों का मुख्य कारण क्या होता है, यह किस वजह से बढ़ती है
जवाब. बात अगर आर्टरी से संबंधित बीमारियों की की जाए तो आर्टरी की बीमारियां एक तरह से लाइफ स्टाइल बीमारी है। आज के दौर में यंग जनरेशन की लाइफ स्टाइल में काफ़ी बदलाव आया है। जिसमें ज्यादा स्ट्रेस, खान पान, दिन भर बंद कमरे में रहना, कंप्यूटर पर ज्यादा काम, खेल कूद, व्यायाम में कमी, धूम्रपान, अल्कोहल से इस तरह की समस्या बढ़ती है। अपना वजन कम करने से ज्यादा कमर कम करने पर ध्यान दें। अगर आप मोटे हैं तो हार्ट समस्या का एक रिस्क फैक्टर बढ़ जाता है। 36 इंच से ज्यादा कमर आदमी में और 32 इंच से ज्यादा महिलाओ में मोटापे की परिभाषा है।
सवाल.आपने अपनी मेडिकल फील्ड किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की है
जवाब. मैने अपनी एमबीबीएस और एमएस की पढ़ाई श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा से पूरी की इसके बाद एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टिट्यूट में काम किया। वहीं क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर से लंग सर्जरी प्रोग्राम में हिस्सा लिया। मैने श्री चित्रा इंस्टीट्यूट त्रिवेंद्रम से एमसीएच की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में कंसलटेंट के रूप में ज्वाइन किया। कुछ समय बाद एस्कॉर्ट के बेहाफ में श्रीलंका, रायपुर और अन्य जगह काम किया। उसके बाद मेदांता ज्वाइन किया, मुझे मेदांता की तरफ से श्रीलंका, नेपाल और अन्य देशों में कार्य करने के लिए भेजा गया। वहीं वर्तमान में मै 2014 से मेदांता इंदौर में अपनी सेवाएं दे रहा हूं।