दो दिनी कला प्रदर्शनी कला के रंग का समापन, आर्टिस्ट ब्रांड मैनेजमेंट और आर्ट सेलिंग पर विशेषज्ञ डॉ अजित उपाध्याय ने ली कार्यशाला

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By Bhawna ChoubeyPublished On: July 23, 2023

इंदौर। दो दिनी कला प्रदर्शनी कला के रंग का समापन रविवार को कैनरीज आर्ट गैलरी में हुआ । क्रिएट स्टोरीज सोशल वेलफेयर सोसाइटी की इस प्रदर्शनी में 6 से 75 साल के 90 कलाकारों की 160 कलाकृतियां प्रदर्शित की गई। आयोजक दीपक शर्मा ने बताया की समापन पर आर्टिस्ट ब्रांड मैनेजमेंट और आर्ट सेलिंग पर मैनेजमेंट विशेषज्ञ डॉ अजित उपाध्याय ने चर्चा की एवं सभी कलाकारों को प्रमाणपत्र वितरण डॉ अभ्युदय वर्मा ने किए।

दो दिनी कला प्रदर्शनी कला के रंग का समापन, आर्टिस्ट ब्रांड मैनेजमेंट और आर्ट सेलिंग पर विशेषज्ञ डॉ अजित उपाध्याय ने ली कार्यशाला

विशेषज्ञ प्रोफेसर (डॉ.) अजित उपाध्याय ने अपनी कार्यशाला में बताया कि हर आर्ट के पीछे कुछ न कुछ स्टोरी होती है हमे वो स्टोरी क्रिएट करके सामने वाले को एक्सप्लेन करना आना चाहिए । आर्ट वर्क कितने में बिकेगा ये सबसे पहले हमारा नाम और काम डीसाइड करेगा न की कितना समय लगा बनाने में, क्यूंकि आजकल युवा सभी आर्ट वर्क की प्राइस समय के हिसाब से तय करते है जो की गलत है , हमारे लिए हमारा आर्ट वर्क बेस्ट होता है लेकिन जिस दिन हम एक खरीददार या विजिटर की नज़रिए से देखने लग जायेगे उस दिन शायाद हमारा काम प्रोफेशनल लेवल पे आ जायेगा । विक्रय हमेशा उपयोगिता पर निर्भर होता है और उपयोगिता क्रेता की क्षमता में हो इसे निर्माता या क्रिएटर ध्यान रखें । ये सच है कि आकर्षक कला कृति बिक्री दर का व्यक्तिगत मूल्य बढ़ा देती है , किंतु यदि कला कृति की सजीव और यथार्थ परक हों और सर्वकालिक स्वीकार्य हो तो ब्रांड बनने की योग्यता रखती है। कलाकार ये याद रखे की विक्रय की अभिवृद्धि ब्रांड बनाने में सहायक तो है लेकिन ब्रांड बनी कला गहराई लाती है और बिक्री का शिखर भी ।

प्रो. उपाध्याय ने सलाह दी कि कलाकार मार्केट की डिमांड का मूल्यांकन करे,उचित समय पर कला की प्रस्तुति हो, उचित माध्यम का चयन करे, कलाकृति की लागत बचाने में कस्टमर मूल्यों को नज़र अन्दाज़ ना करे, कस्टमर की पॉकेट और उसके सपनों के बीच सेतु बनाए, कस्टमर की चाहत को सतत बढ़ाये और उसके क्रय को आसान, नक़ल और फेक या कॉपी कलाकृतियों से बचें,अपना सेलिंग मॉडल बनाये जो कलाकृति और बजट में उपयुक्त हो, हाँ अनवरत शोध करे -कस्टमर , मार्केट और प्रतिस्पर्धियों का; लेकिन मूल्यवर्धन भी हो। लेकिन याद रखिये जब भी हम कुछ खरीदने जाते है तो तब एक बार ऑनलाइन चेक करते हसी की जो हम खरीद रहे है वो क्या है कैसा है । कोई भी व्यक्ति अगर कुछ खरीदने की सोचेगा आपसे तो सबसे पहले आपके बारे में जानेगा और आजकल सभी डिजिटल ज्यदा चेक करते है और आप डिजिटली तब आयेगे जब आप खुद की ब्रांड वैल्यू और अपने अपने आर्ट की वैल्यू बढायेगे । आप ब्लोग्स लिखिए आर्ट पर , प्रदर्शनी में हिस्सा लिजिए , सभी प्लेटफार्म पर खुद को लिस्ट करिए , पेज बनाइये , लोगो का कनेक्ट बनाइये । ये सारी कुछ बेसिक स्टेप्स है इस छेत्र में आगे बढ़ने के लिए ।