सिंहस्थ 2028 को लेकर उज्जैन में अनुमानित भीड़ को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। खासकर इंदौर में “होल्डिंग जोन” बनाए जाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। उद्देश्य है कि जब उज्जैन में भीड़ अपनी सीमा पार कर जाए, तो श्रद्धालुओं को इंदौर में ही रोककर ठहराया जा सके।
प्रशासन ने इंदौर के विभिन्न इलाकों में ऐसे स्थान चिन्हित किए हैं, जहां 50 हजार से ज्यादा लोगों को एक-दो दिन तक ठहराया जा सके। लवकुश चौराहा, रिंग रोड पर रोबोट चौराहा, मांगलिया और तेजाजी नगर जैसे क्षेत्रों में जमीन की मांग की गई है। इन होल्डिंग एरिया में विश्राम स्थल, बैठने के लिए कुर्सियां, पेयजल, पंखे, कूलर, शौचालय आदि सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

सुरक्षा और ट्रैफिक के लिए विशेष व्यवस्था
पुलिस विभाग ने सुरक्षा और यातायात नियंत्रण के लिए व्यापक योजना प्रस्तुत की है। इसमें सात हाई-वे चौकियां, रिंग रोड व बायपास पर ट्रैफिक सहायता केंद्र, और एक इंट्रीगेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव शामिल है। यह सेंटर लवकुश चौराहा के पास करीब 7 एकड़ जमीन पर स्थापित किया जाएगा, जहां से पुलिस, प्रशासन और नगर निगम मिलकर निगरानी करेंगे।
सांवेर रोड आएगा सीसीटीवी की निगरानी में
पूरे सांवेर रोड को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में लाने की योजना है। वहीं, महालक्ष्मी नगर, सुपर कॉरिडोर और धार रोड पर अस्थाई थानों की स्थापना की मांग रखी गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्यवाही की जा सके।
सिंहस्थ के दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए करीब 2 हजार अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की आवश्यकता जताई गई है। इसके साथ ही 20 जीप, 20 बसें और ट्रकों की भी मांग की गई है, जिससे बल और जरूरी सामग्री को सुगमता से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाया जा सके। रास्ते में खराब हुए वाहनों को हटाने के लिए 5 बड़ी क्रेनों की व्यवस्था भी प्रस्तावित है।
बैठकों में मिल रही स्वीकृति
उज्जैन में हुई प्रशासनिक बैठकों में कई प्रस्तावों को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। इंदौर के एडिशनल कमिश्नर मनोज श्रीवास्तव के अनुसार, जमीन चिन्हित करने की प्रक्रिया जारी है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।