DAVV के दीक्षांत समारोह में उपस्थित हुई राज्यपाल, बोली- देश को आत्मनिर्भर बनने में शिक्षा का योगदान

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इंदौर: देश में नई एजुकेशन पॉलिसी लागु की जा चुकी जिसमे पुरानी शिक्षा पद्धति को पूरी तरह बदल दिया जायेगा, पुराणी शिक्षा पद्धति में स्कूलो में कुछ यु हाल था कि किसी शिक्षक को भौतिकी का ज्ञान हो तो केवल भौतिकी ही पढ़ा सकता है, अगर उससे कोई दूसरा विषय पढ़ाने को कहो तो वो मना कर देता है। लेकिन इस नई पद्धति में शिक्षकों को सब कुछ पढ़ना होगा और पढ़ाना होगा। ये सभी बाते आज प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कही है।

आज यानि शुक्रवार को राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने DAVV के दीक्षांत समारोह मौजूद थी वहां उन्होंने इन बातो को बोला है और कुपोषण के साथ ही दहेज प्रथा और बाल विवाह प्रथा को खत्म करने के लिए अभियान चलाने पर भी जोर दिया। इतना ही इंदौर DAVV में आयोजित समारोह में कार्यक्रम में इसरो के पूर्व अध्यक्ष एएस किरण कुमार भी शामिल हुए।

DAVV में आयोजित दीक्षांत समारोह का शुभारंभ प्रदेश की राज्यपाल ने की और इसके बाद उन्होंने कहा कि “यदि एक बेटी को गोल्ड मेडल मिला हो और विवाह के समय लड़के वाले लड़की के माता-पिता के पास गोल्ड की मांग करें, तो वे कितने योग्य होंगे। यह सोचने वाली बात है। मुझे तो पता चला है कि सरकारी नौकरी मिल जाए, तो वे लोग दहेज की ज्यादा मांग करते हैं। हम आज हमारे बेटे बेच रहे हैं। मप्र में ऐसा आंदोलन चले, जिसमें बाल विवाह और दहेज प्रथा खत्म हो जाए। दहेज मांगते हैं, नहीं मिला तो बेटियों को जला देते हैं।” यह बात राज्यपाल ने अपने संबोधन के दौरान कही है।

 

अपने संबोधन में राज्यपाल ने आगे कहां कि देश को आत्मनिर्भर बनाने में शिक्षा की अहम भूमिका है, देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नई शिक्षा नीति की अहम भूमिका रहेगी। इसके माध्यम से युवाओं को समय और जरूरत के मान से रोजगारोन्मुखी शिक्षण-प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में हालही में हुए सीधी बस हादसे का भी जिक्र किया है, और कहा है कि “सीधी बस हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि यह हृदय विदारक घटना है। मृतकों में छात्र-छात्राएं भी शामिल थे, जो परीक्षा देने जा रहे थे” इसके साथ ही राज्यपाल ने अपने जीवन से जुड़ा एक असली किस्सा भी सुनाया है।

क्या परिवर्तन होंगे नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत-
नई शिक्षा नीति अंतर्गत राज्यपाल ने बताया कि “नई शिक्षा पद्धति के तहत अब 70 फीसदी सिलेबस केंद्र से आएगा, वहीं, 30 फीसदी पाठ्यक्रम यूनिवर्सिटी और राज्य सरकार तैयार करेगी, अब हमें तय करना है कि सिलेबस वही रखना है कि कुछ इसमें नया करना है, इसके लिए हमें स्टडी करना होगा, इसमें सबसे अच्छी बात यह है, शिक्षकों को भी माॅड्यूल कि हिसाब से तैयारी करनी होगी, युवाओं के लिए शिक्षा नीति में प्रावधान हैं, आगे उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए हमें सीखना जरूरी है,पहली कक्षा से लेकर कॉलेज स्टूडेंट्स तक को टूर प्रोग्राम करवाना चाहिए” इस कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए और भी कही बाते कही है।