आप सभी जानते हैं कि भगवान श्री हरि विष्णु ने जब नरसिंह का अवतार लेकर भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी, यहीं से होली का पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है। होलिका दहन पर लोग लकड़ी, उपले और झाड़ को एक जगह एकत्र करके उसे आग के हवाले कर देते हैं। होलिका दहन के दिन कुछ गलतियां बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। ये गलतियां धनवान को भी कंगाल कर सकती हैं।
होली का फेस्टिवल शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। इस वर्ष होलिका दहन 7 मार्च को है और 8 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी। पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान श्री हरि विष्णु ने जब नरसिंह का अवतार लेकर भक्त प्रह्लाद के प्राणों रक्षा की थी, तब से होली का पर्व मनाने की परंपरा चली आ रही है। होलिका दहन पर लोग लकड़ी, उपले और झाड़ को एक जगह इकट्ठा करके उसे अग्नि के हवाले कर देते हैं। एस्ट्रोलॉजर का कहना है कि होलिका दहन के दिन कुछ गलतियां बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। आइए जानते हैं कि कौनसी गलतियां इस दिन भूलकर न करें।
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उधार पैसा नहीं लेना चाहिए
होलिका दहन पर कभी भूलकर भी किसी से रुपया-पैसा उधार नहीं लेना चाहिए और न ही किसी को उधार देना चाहिए। ऐसा कहते हैं कि जो लोग इस दिन रुपए-पैसे का लेन-देन करते हैं, उन्हें हमेशा कंगाली घेरे रहती है। इसी के चलते धन की मां देवी लक्ष्मी मां नाराज हो जाती हैं। इससे घर की सुख-संपन्नता में भी कमी आती है। इसलिए ये गलती कभी भूलकर भी न करें।
ये लोग न करें होलिका दहन
ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों के पास सिर्फ एक पुत्र है, उन्हें होलिका दहन की अग्नि प्रज्वलित नहीं करनी चाहिए। हालांकि जिन लोगों के पास एक पुत्र और एक पुत्री है, वे होलिका दहन जरूर कर सकते है।
सफेद चीजों से परहेज
होलिका दहन के दिन सफेद चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए। इस दिन सफेद चीजों का सेवन अच्छा नहीं माना जाता है। होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को किया जाता है और इस दिन सफेद चीजें नकारात्मक शक्तियों की ओर जल्दी आकर्षित करती हैं। इसलिए सफेद मिठाई, खीर, दूध, दही या बताशा आदि से परहेज करें।
इन वृक्षों की लकड़ी न जलाएं
होलिका दहन में झाड़ या सूखी लकड़ियां ही जलाई जाती हैं। इसमें कभी भी आम, वट और पीपल के वृक्षों की लकड़ी कभी भी नहीं जलानी चाहिए। दरअसल फाल्गुन में इन तीनों पेड़ों की नई कोपलें निकलती हैं, इसलिए इन्हें जलाना निषेध होता है। आप गूलर या अरंड के पेड़ की लकड़ी का उपयोग करें तो बेहतर होगा।
माता का निरादर न करें
इस दिन भूलकर भी अपनी माता का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपको बुरे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। ऐसा कहते हैं कि होलिका दहन के दिन माता का निरादर करने से जीवन में दरिद्रता डेरा जमा लेती हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर अपनी माता के चरणों को स्पर्श करें और उनसे आशीर्वाद लें। आप चाहें तो माता को कोई अच्छा सा गिफ्ट भी लाकर दे सकते हैं।
होलिका दहन पर क्या करें
होलिका दहन पर होलिका की सात बार परिक्रमा करके उसमें मिठाई, उपले, इलायची, लौंग, अनाज, आदि डालना बेहद शुभ होता हैं। होलिका दहन के बाद घर के सदस्यों के साथ चंद्र दर्शन करने से अकाल मृत्यु का डर समाप्त होता है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपने पिता बुध की राशि में और सूर्य अपने गुरु बृहस्पति की राशि में नियुक्त रहते हैं। होलिका दहन के दिन व्यक्ति को अपने परिवार समेत गेहूं और गुड़ से बनी रोटी खानी चाहिए।