Indore News : ऑटोमेशन सिस्टम से ‘जल जीवन मिशन’ हुआ बेहतर

Shivani Rathore
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इंदौर : जल जीवन मिशन अन्तर्गत इन्दौर जिले में क्रियान्वित की जा रही नलजल योजनाओं के पूर्ण होने पर उनके संचालन हेतु प्रत्येक नलजल योजना का ऑटोमेशन करवाया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी की पहल पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किए गए इस नवाचार के तहत ऑटोमेशन में सिम आधारित मास्टर डिवाइस सम्पवेल में लगाया जा रहा है।

उच्चस्तरीय टंकी में सेंसर 25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत, 75 प्रतिशत एवं 100 प्रतिशत के लेवल पर लगाये गये हैं एवं सम्पवेल में 0 प्रतिशत, 50 प्रतिशत एवं 100 प्रतिशत के लेवल पर लगाये गये हैं। पी.एच.ई. के कार्यपालन यंत्री श्री सी. के. उदिया ने बताया है कि जब उच्चस्तरीय टंकी 100 प्रतिशत भर जाती है तो सम्पवेल की मोटर स्वतः बन्द हो जाती है एवं जब सम्पवेल 100 प्रतिशत भर जाता है तो ट्यूबवेल की मोटर स्वतः बन्द हो जाती है।

जब उच्चस्तरीय टंकी का जलस्तर 75 प्रतिशत से नीचे आ जाता है तो सम्पवेल की मोटर स्वतः चालू हो जाती हैं एवं सम्पवेल का जलस्तर 50 प्रतिशत से नीचे आ जाता है तो ट्यूबवेल की मोटर स्वतः चालू हो जाती है। यह प्रक्रिया रात्रिकालीन समय में भी अनवरत चलती रहती है मोटर चालू/बन्द करने के लिए ऑपरेटर की आवश्यकता नहीं होती है।

इस ऑटोमेशन सिस्टम के माध्यम किसी भी ग्राम उच्चस्तरीय टंकी से किस समय जलप्रदाय हुआ है इसकी भी मॉनिटरिंग की जाती है। इस ऑटोमेशन के लिए एक एप्लीकेशन तैयार किया गया है जो गूगल प्लेस्टोर पर पीएचईडी के नाम से उपलब्ध है।

इस ऑटोमेशन सिस्टम के माध्यम से किस ग्राम में मोटरपंप चालू अथवा बन्द है यह देखा जा सकता है। इस मोबाईल एप्लीकेशन में अब तक इन्दौर जिले के 334 ग्रामों को जोड़ा जा चुका है। जैसे-जैसे योजनाएं 100 प्रतिशत पूर्ण हो रही है उन योजनाओं में भी यह ऑटोमेशन सिस्टम स्थापित किया जा रहा है।

इस ऑटोमेशन सिस्टम के माध्यम से ग्राम में मोटरपंप चलने की प्रतिदिन की अवधि प्रदर्शित होती है। जिससे किस-किस ग्राम में कितने समय तक जलप्रदाय किया गया है, कि जानकारी दर्शित होती है।

इस ऑटोमेशन सिस्टम के मोबाईल एप को विभाग के सहायक यंत्री, उपयंत्री, आई.एस.ए. टी.पी.आई. एवं संबंधित ग्राम के सरपंच/सचिवों को उपलब्ध कराया गया है। जिससे सभी अपने-अपने संबंधित ग्राम की जनकारी प्राप्त कर मॉनिटरिंग भी करते है। इस ऑटोमेशन के मोबाईल एप में समस्त योजनाओं का लेखा-जोखा (गोशवारा) भी देखा जा सकता है।

इस ऑटोमेशन सिस्टम के मोबाईल एप में ग्राम की योजना से संबंधित प्रत्येक जानकारी अवयववार प्रदर्शित की गई है एवं ग्राम से संबंधित अधिकारियों/व्यक्तियों के मोबाईल नम्बर भी दर्ज किए गए हैं जिन्हें टच करने पर डायरेक्ट फोन लग जाता है।

इसके अतिरिक्त पम्प ऑपरेटर को भी आई. वी. आर. एस. सिस्टम के अन्तर्गत जोड़ा गया है। जिसमें वह स्वयं भी अपने घर से किसी भी समय मोटरपंप चालू/बन्द कर सकता है। एवं टंकी भरने या खली होने, मोटरपंप चालू/बन्द होने की स्थिति एस.एम.एस. के माध्यम से लगातार देख सकते हैं। जिसको एस.एम.एस. पढना नहीं आता हो उनको वाईस एस.एम.एस. के माध्यम से इसकी सूचना प्राप्त होती रहती है।

ऑटोमेशन सिस्टम के फायदे
यह सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि उच्चस्तरीय टंकी में हर समय आपूर्ति के लिए पानी उपलब्ध रहे। इस सिस्टम से मोटर की सुरक्षा बढ़ जाती है जिसके परिणामस्वरूप योजना के संधारण में कम खर्च लगता है।

ग्राम में पानी की आपूर्ति के रिकार्ड को ट्रैक करने और जल की उपलब्धता को बनाए रखने में मदद करता है। यह सिस्टम उच्चस्तरीय टंकी एवं सम्पवेल भरने पर स्वचलित रूप से मोटर बन्द कर देता है। जिससे पेयजल को ओवर फ्लो होने से बचाता है एवं जल की बचत करता है।
यह ऑटोमेशन सिस्टम अत्यधित किफायती और फुलप्रूफ है। इस प्रणाली से छोटे गांवों की याजनाओं में क्रांति आई है। जिससे पानी बचाने, मानव श्रम बचाने, संसाधनों को बचाने और परिणामों को प्रभावी करने में मदद मिलती है।