नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए आज से भारत में टीकाकरण का शुभारंभ हो गया है। वही देश में अब एक और वैक्सीन बन रही है, साथ ही कंपनी डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज को स्पूतनिक V के फेज-3 ट्रायल की इजाजत मिल गई है। हालांकि ये वैक्सीन अभी प्रायोगिक अवस्था में है। वही अब डीसीजीआई ने डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज को कोरोना वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल करने की अनुमति दी है। वही डॉ रेड्डीज का कहना है कि तीसरे चरण में 1500 लोगों पर इस वैक्सीन का परीक्षण पहले किया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि, दुनिया में 200 से ज्यादा कंपनियां कोरोना वैक्सीन तैयार कर रही हैं, जिसमें से लगभग 30 कंपनियां भारत की हैं। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल चुकी है। आज इन दोनों वैक्सीन का इस्तेमाल पहले चरण के टीकाकरण शुरू हो चुका है। इसके अलावा गुजरात की जायकोविड वैक्सीन भी ट्रायल स्टेज में है। इस श्रृंखला में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज भी शामिल हो गई है।
बता दे कि, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज को तीसरे चरण के ट्रायल की स्वीकृति देने से पहले डेटा और सुरक्षा निगरानी बोर्ड (डीएसएमबी) ने इसके दूसरे चरण के परीक्षण से जुड़े आंकड़ों का अध्ययन किया और इससे संतुष्ट होने के बाद ही तीसरे चरण के लिए स्वयंसेवकों को भर्ती करने की सिफारिश की। साथ ही डीएसएमबी ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि दूसरे चरण के आंकड़ों के अध्ययन से सुरक्षा संबंधी किसी तरह की चिंता सामने नहीं आई है।
वही डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के सह-चेयरमैन और प्रबंध निदेशक जी वी प्रसाद ने बताया कि यह टीके के क्लिनिकल ट्रायल की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने कहा कि डॉ रेड्डीज लैब इस महीने के अंदर ही फेज-3 का अध्ययन शुरू कर देगी। हमें उम्मीद है कि हम भारत की जनता के लिए सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन लाएंगे।