इंदौर(Indore) : एमपीसीए में टेंडर घोटाले के साथ टिकटों की कालाबाज़ारी के संदर्भ में चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी हैं। क्रिकेट के इंटरनेशनल मैचों के ज़रिये करोड़ों का टिकिट कालाबाज़ारी का खेल एमपीसीए के सीईओ रोहित पंडित एंव एमपीसीए के सदस्य प्रसून करमड़ीकर ने षड्यंत्र रचकर प्रदेश की क्रिकेट प्रेमी जनता से करोड़ों रूपये टिकिट कालाबाज़ारी करके लूट लिए गये हैं। विश्वसनीय एमपीसीए के सूत्रों अनुसार चार अक्तूबर को आयोजित भारत विरूद्ध दक्षिण अफ़्रीका टी-20 मैच में टिकटों की कालाबाज़ारी का असली खेल तीन व्यक्तियों ने मिलकर खेला हैं।
टिकिटों की कालाबाज़ारी का मुख्य सरग़ना एमपीसीए का सीईओ रोहित पंडित एंव एमपीसीए सदस्य प्रसून करमड़ीकर तथा www.insider.in वेबसाइट का एक कमर्शियल अधिकारी दिनांक 21 सितम्बर को रात 9.30 बजे से सुबह 6.30 बजे तक तीन लेपटॉप के साथ सारी रात एमपीसीए के ऑफिस में आनलाइन टिकिटों को लगभग आठ व्यक्तियों की फ़र्म से पैसा ट्रांसफ़र पेटीएम इंनसाइडर की वेबसाइट के माध्यम से 21 सितम्बर की रात 12.45 बजे पॉंच पाँच मिनिट के अंतराल से किया गया।
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रात को ही सारे टिकिट आनलाइन बुकिंग की सारी प्रक्रिया पूर्ण की गई।रात को 3.30 बजे से 5 बजे के मध्य 19700 टिकिट आनलाइन करने के बाद टिकटों का आन पेमेन्ट कलेक्शन सुबह निर्धारित स्थान पर 7.30 बजे प्राप्त भी कर लिया गया।एमपीसीए के सीसीटीवी फ़ुटेज से सारी डिटेल प्राप्त हो जाएगी।जबकि सूत्रों का कहना हैं की सीसीटीवी केमरे को स्वीच ऑफ़ करके 21 सितम्बर की रात रखा गया था। लेकिन जॉंच एजेंसी को अभय प्रशाल एंव आईडीए के सीसीटीवी कैमरों से तीनों के फ़ुटेज खंगालने से सारा सच सामने आ जाएगा।
सारी रात तीन व्यक्तियों ने एमपीसीए के ऑफिस में बैठकर टिकिट कालाबाज़ारियों तक पहुँचाकर मैच के दो दिन पेहले इन आठ व्यक्तियों ने टिकिट बेचने अपने दलाल सारे म.प्र. में फैला दिए।जॉंच एजेंसी अगर इस मामले की तहक़ीक़ात करेंगी तो मोबाइल लोकेशन से स्पष्ट हो जाएगा की यह तीनों व्यक्ति एमपीसीए के कार्यालय में सारी रात बैठकर टिकटों की कालाबाज़ारी करने की योजना को मूर्तरूप दे रहे थे।पुलिस एफ़आइआर दर्ज करके सीईओ रोहित पंडित एंव करमडीकर को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी तो तीसरे व्यक्ति के नाम का पता भी चल जायेगा ।
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टिकिट कालाबाज़ारी में आनलाइन बुकिंग में आईडीबीआई बैंक के लगभग आठ एकाउन्टों का उपयोग पेमेन्ट ट्रांज़ेक्शंस में किया गया हैं। उल्लेखनीय हैं की एमपीसीए का भी बैंक एकाउन्ट भी आईडीबीआई (IDBI) बैंक में हैं। मास्टर माइंड सीईओ रोहित पंडित एंव एमपीसीए के सदस्य प्रसून करमड़ीकर के पक्ष में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुप्पी अनेक संदेह को जन्म दे रही हैं। प्रदेश की जनता से टिकिट कालाबाज़ारियों ने करोड़ों रूपये लूटे हैं लेकिन महाराज मौन हैं।
एमपीसीए में टेंडर घोटाले के दस्तावेज़ों से स्पष्ट हैं की बड़ा आर्थिक घोटाला किया गया हैं।एमपीसीए क्रिकेट माफिया सिद्ध हो गया हैं।
म.प्र.कांग्रेस कमेटी के प्रदेशसचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया हैं की एमपीसीए का घोटाला सामने आने के बाद सिंधिया इस घोटाले के ज़िम्मेदार सीईओ रोहित पंडित एंव एमपीसीए सदस्य करमडीकर को बचाने में लग गये हैं।
टिकिटों की कालाबाज़ारी के बाद सबसे बड़ा घोटाला मैच की सिक्योरिटी को लेकर किया गया हैं।एमपीसीए के मुताबिक़ टी-20 मैंच में डेढ़ हज़ार पुलिसकर्मियों के साथ 800 निजी सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया हैं।लेकिन सीसीटीवी एंव मैच सहित स्टेडियम को कवर करके दिखाने वाले कैमरों ने सिक्योरिटी गार्ड घोटाले का सच सामने ला दिया हैं।
कुछ दिन पूर्व ही रोड सेफ़्टी मैच का आयोजन होल्कर स्टेडियम में किया गया था।इस मैच में सीईओ रोहित पंडित की चयनित सिक्योरिटी एजेंसी को काम नहीं दिया गया था।मुंबई की एक सिक्योरिटी एजेंसी ने सारे स्टेडियम की सुरक्षा सेंट्रल गवर्नमेंट के नियमों के अनुसार प्रशिक्षित मात्र 60 बाउंसर एंव मात्र 15 गार्ड से ही संपूर्ण स्टेडियम की सुरक्षा व्यवस्था हो गई।लेकिन एमपीसीए के सीईओ रोहित पंडित एंव करमडीकर ने डेढ़ हज़ार पुलिसकर्मियों को सुरक्षा में लगे होने के बाद भी 800 सुरक्षा कर्मी बालाजी सिक्योरिटी से लेना बताया ।
आश्चर्य इस बात का हैं की बिना टेंडर ही बालाजी को मैच के लिए आठ सौ गार्ड लगाने का आदेश दे दिया जबकि बालाजी के पास सिर्फ़ एमपीसीए में नियमित लगने वाले दो तीन गार्डों को लगाने का ही कांट्रेक्ट हैं।जब इस बात की जॉंच मैच कैमरों से की गई तो पता चला की मात्र 55 गार्ड ही बालाजी सिक्योरिटी ने लगाये।गार्ड भी उन्हें बनाया गया जो चौराहे पर बेलदारी एंव मज़दूरी का कार्य करते हैं। जबकि बिना आई प्रुफ एंव बिना पुलिस वेरिफ़िकेशन के गार्ड रखना अपराध हैं।
पूर्व में भी बालाजी सिक्योरिटी गार्डों का भुगतान हड़पने एंव पीएफ का फंड हड़पकर 12 करोड़ से ज़्यादा का घपला करने के आरोप की वजह से केंद्र सरकार ने बालाजी को ब्लेक लिस्ट करके सिक्योरिटी का लाइसेंस निरस्त किया था।बाद में कुछ सफ़ेदपोश लोगों ने बालाजी का बचाव करके एमपीसीए में एंट्री सीईओ रोहित पंडित ने कराकर सालों से इसी तरह सिक्योरिटी के नाम पर करोड़ों रूपये हड़प पर घोटाला किया हैं।बिना टेंडर एक गार्ड का तीन गुना भुगतान 1800/- के लगभग किया हैं एंव जो गार्ड इस मैच मे 745 लगे ही नहीं उनका भी भुगतान करने की तैयारी हैं।
एमपीसीए सीईओ रोहित पंडित ने बालाजी सिक्योरिटी के साथ मिलकर क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा सिक्योरिटी घोटाला किया हैं। सीईओ रोहित पंडित के काले कारनामों का सिलसिला यहीं ख़त्म नहीं होता हैं।मैच के दौरान 260 के लगभग सीसीटीवी कैमरे होल्कर स्टेडियम में लगाये गये जिससे दर्शकों एंव खिलाड़ीयों की सुरक्षा पर नज़र रखी जा सके।लेकिन असल में मात्र 24 सीसीटीवी कैमरे ही चालू थे बाक़ी सारे डमी सीसीटीवी कैमरे(मतलब सिर्फ़ केमरे का ख़ाली डब्बा) लगाकर धोखा दिया गया लेकिन भुगतान 260 सीसीटीवी कैमरों का एमपीसीए करेगा।इसका भी टेंडर नहीं किया गया।सवाल यह हैं की की अगर दुर्भाग्य से हादसा हो जाता तो सीसीटीवी कैमरे में क्या देखते।दर्शकों की सुरक्षा एंव देश के खिलाड़ियों की सुरक्षा को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाकर एमपीसीए क्या साबित करना चाहता हैं।