Ujjain Mahakal Lok : PM मोदी महाकाल मंदिर पहुंचकर की पूजा-अर्चना, थोड़ी देर में करेंगे कॉरिडोर का उद्घाटन

rohit_kanude
Published:
Ujjain Mahakal Lok : PM मोदी महाकाल मंदिर पहुंचकर की पूजा-अर्चना, थोड़ी देर में करेंगे कॉरिडोर का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोडी देर पहले उज्जैन नगरी में महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पाण के लिए पहुंचे। इससे पहले उन्होंने महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस खास अवसर पर महाकाल मंदिर और पूरे महाकाल लोक को फूलों से सजाया गया है। इसके साथ ही चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। कुछ देर के बाद पीएम मोदी थोड़ी ही देर में कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे।

महाकाल मंदिर में की पूजा अर्चना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे हैं। इससे पहले वमध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें महाकाल कॉरिडोर के बारे में कुछ जानकारी दी। मिली जानकारी के अनुसार, महाकाल लोक में 108 विशाल स्तंभ बनाए गए हैं. इन पर महादेव, पार्वती समेत उनके पूरे परिवार के चित्र उकेरे गए हैं। ये चित्र देखने में बिलकुल मूर्तियों की तरह ही हैं जिनमें शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की लीलाओं का वर्णन है। महाकाल की ये नगरी अध्यात्म और आधुनिकता का मिश्रण होगी।

Ujjain Mahakal Lok : PM मोदी महाकाल मंदिर पहुंचकर की पूजा-अर्चना, थोड़ी देर में करेंगे कॉरिडोर का उद्घाटन

प्रतिमा पर लगाए बारकोड

यहां हर एक प्रतिमा के सामने एक बारकोड लगाया है जिसे स्कैन करते ही भगवान शिव की कहानी बता रही प्रतिमा की संपूर्ण जानकारी आपके मोबाइल स्क्रीपर आ जाएगी। इसका मकसद नई पीढ़ी को प्राचीन इतिहास और कथाओं की जानकारी देना है।न

Also Read : बिहार गोली कांड : झाड़ियों में फेका 22 साल की लड़की को गोली मारकर, स्थानीय लोगों ने दी पुलिस को सूचना

एजेंसी के मुताबिक उज्जैन स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष कुमार पाठक ने कहा कि पीएम आज शाम को महाकाल कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। दूसरे चरण पर काम पहले से ही चल रहा है. जून 2023 तक पूरी परियोजना को पूरा किया जाना है।

एक प्राचीन धर्मशाला की स्थापित

परियोजना के दूसरे चरण के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें एक ‘शिखर दर्शन’ का निर्माण किया जाएगा। हम महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित एक पुरानी इमारत ‘महाराजवाड़ा’ में एक प्राचीन धर्मशाला स्थापित करने पर भी काम कर रहे हैं। यह इमारत लगभग 100 साल पुरानी है. मंदिर के नज़दीकी यह बेहद अद्भुत नजर आती है। इसके सामने साढ़े पांच एकड़ का एक खुला स्थान है, जहां ‘चिंतन वन’, ‘अनुभूति वन’ और ध्यान केंद्र जैसी सुविधाएं तैयार की जाएंगी।