नव वर्ष से पहले नई जिंदगी का स्वागत, दो दिन में 62 मरीजों ने जीती कोरोना से जंग

Akanksha
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इंदौर। कोरोना के कहर के बीच राहत देने वाली खबर यह है कि अस्पतालों से कोरोना के मरीज स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं। वर्ष 2020 की विदाई और 2021 के आगमन के बीच नए साल का स्वागत इसी कामना के साथ किया जाएगा कि कोरोना महामारी जल्द खत्म हो लेकिन इंडेक्स अस्पताल में हर रोज नई जिंदगी का स्वागत किया जा रहा है। इंडेक्स अस्पताल व मेडिकल कॉलेज से 29 और 30 दिसंबर 2020 को 62 मरीजों को ठीक कर घर भेजा गया। इन मरीजों में 28 पुरूष और 34 महिलाएं शामिल थीं।

लापरवाही बन रही कोरोना का कारण

स्वस्थ होने वाले मरीजों को घर भेजते समय अस्पताल स्टाफ ने सावधानियों का अनुसरण करने की हिदायत दी और कहा कि कोरोना होने का सबसे बड़ा कारण है कि आम लोगों द्वारा सावधानियों का पालन नहीं किया जा रहा। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद भी लगातार मास्क पहनकर रखें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और हाथ धोते रहें। बेहद जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

गंभीर हालातों में भी भरपूर कोशिश

इंडेक्स अस्पताल, मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर के चैयरमेन श्री सुरेश सिंह भदौरिया ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा इस बात की पूरी कोशिश की जा रही है कि इलाज और मरीज को सुविधा देने में उनकी ओर से कोई कोशिश न रहे। गंभीर हालातों में भी हमारा प्रयास है कि यहां आने वाले हर मरीज़ को अच्छी से अच्छी सुविधाएं दे पाएं। वाइस चेयरमैन श्री मयंकराज सिंह भदौरिया ने कहा कि कोरोना के कारण  पैदा हुई चुनौतियां  अभी कम नहीं हुई हैं। आने वाले  दिनों में इससे कई परेशानियांं खड़ी होंगी , जिससे निपटने के लिए हम तैयार हैं। अस्पताल में सभी जरूरी व्यवस्थाए उपलब्ध हैं, जो मरीज़ों को इस गंभीर बीमारी का सामना करने में सक्षम बनाती हैं। कोरोना महामारी से निपटने के प्रयासों में हम हर वो कोशिश कर रहे हैं जो कर सकते हैं। लोगों का हम पर भरोसा है और इसे निभाने के लिए हम अपनी ओर से कोई कमी नहीं छोड़ेंगे।

दिन-रात डटे हुए हैं कोरोना योद्धा

इंडेक्स मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के एडिशनल डायरेक्टर आरसी यादव ने बताया कि कोरोना के इस कठिन समय में आम लोगों के लिए खुद को बचाना मुश्किल हो रहा है। लेकिन बढ़ते संक्रमण के बीच अस्पताल की टीम दिन-रात मरीजों को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। यह सिर्फ नौकरी का हिस्सा नहीं है बल्कि समर्पण है जो मानवीय दायित्व के रूप में डॉक्टर और कर्मचारी निभा रहे हैं। इस टीम में नोडल अधिकारी डॉ. सुधीर मौर्य, एसोसिएट मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अजय सिंह ठाकुर, कोऑर्डिनेटर डॉ दीप्ति सिंह हाडा, कोऑॅर्डिनेटर डॉ धीरज शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी नितिन कोथवाल एवं डॉ.हिमांशु सिंह, डॉक्टर्स, रजत चौहान और उनके सुपरविज़न में काम कर रहे साथी शामिल है। यह पूरी टीम और इनके साथ अस्पताल के दर्जनों अधिकारी, कर्मचारी बगैर घड़ी देखे काम कर रहे हैं और अब तक कई जिंदगियां बचा चुके हैं। आने वाले दिनों में भी यह सिलसिला जारी रहेगा।

सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार

कोरोना को ठीक करने वाली वैक्सीन को लेकर डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि वैक्सीन आने के बाद भी सबसे पहले फ्रंटलाइन को रोना योद्धाओं को लगाई जाएगी। आम लोगों तक दवाई पहुंचने में अभी समय लगेगा। इसलिए ज्यादा जरूरी है कि हम खुद अपना ध्यान रखें। सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है। अगर हम सक्रियता दिखाएं और गंभीरता रखें तो कोरोना से बच सकते हैं।