नई दिल्ली : केंद्र सरकार से एक बार फिर अपनी समस्याओं के चलते बातचीत के लिए रविवार को किसानों ने प्रस्ताव भेजा था और सरकार से बातचीत के लिए किसानों ने कुछ एजेंडे भी तय किए थे. किसानों ने कहा कि, उन एजेंडों पर ही अगली बैठक में बातचीत होनी चाहिए. सरकार को भेजे प्रस्ताव में किसानों ने कहा था कि, अगली बैठक 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे रखी जाए. सरकार ने किसानों का प्रस्ताव सोमवार को स्वीकार कर लिया है, हालांकि सरकार ने 30 दिसंबर की तारीख़ तय की है और बैठक कल दोपहर दो बजे होगी. बैठक से ठीक पहले आज शाम को किसानों ने सरकार को उन्हीं एजेंडों पर बात करने के लिए कहा है जो उन्होंने प्रस्ताव में भेजे थे.
सोमवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार को अपने एजेंडे याद दिलाए. उनका कहना है कि, उन्हीं एजेंडों पर सरकार से बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि, सरकार भी इस बात का ध्यान रखें. दूसरी ओर मंगलवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक ली है. जिसे किसान आंदोलन के नजरिए से और कल होने वाली बैठक के चलते काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने लिखा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को पत्र…
सोमवार शाम को संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को एक पत्र लिखा है और सरकार को याद दिलाया है कि, सरकार एजेंडे पर ही बात करें. किसानों ने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ कुछ मांगों को लेकर अहम पत्र लिखा है. साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार द्वारा अपना बातचीत का प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए आभार भी प्रकट किया है,
ये है किसानों की मांग…
1. तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग.
2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान तय किया जाए.
3. “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020” में ऐसे संशोधन हों जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं.
4. किसानों के हितों की रक्षा के लिए ‘विद्युत संशोधन विधेयक 2020’ के मसौदे को वापस लेने की प्रक्रिया.