धैर्यशील येवले
पाखंडी ,निष्ठुर ,निर्दयी
जारे बीस बीस अब तू जा
कर अपना मुंह श्याम
कारागार में चक्की पीस तू जा
जारे बीस बीस अब तू जा ।
तूने अपनो से किया अलग
आज भी ह्रदय रहे सुलग
जीवन से तूने नाता तोडा
किया सभी को अलग थलग
गांव क्या स्मृति से भी तू जा
जारे बीस बीस अब तू जा ।
आंखों से आँसू
पाव से रक्त बहाया तूने
रोजी रोटी को तरसाया
भूखा प्यासा सुलाया तूने
सुनी मांग व गोद कह रही तू जा
जारे बीस बीस अब तू जा ।
मिलना था जो दंड मिल गया
मेरी करनी का फल मिल गया
अब रखूंगा तालमेल सृष्टि से
अब चौकड़ी भरना भूल गया
मैं हूँ अब प्रभु शरण मे तू जा
जारे बीस बीस अब तू जा
जारे बीस बीस अब तू जा ।