मध्य प्रदेश सरकार ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए पिछले दिनों 27 अगस्त को घोषणा करके प्रतिमाह रोजगार दिवस मानाने और ढाई लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी.
वहीं इस सब के बाद इंदौर प्रशासन द्वारा रोजगार कार्यालय में रोजगार मेले का आयोजन किया गया था. बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार देने के लिए 7 प्राइवेट कम्पनियां इस मेले में शामिल हुईं. इन कम्पनियों में रोजगार की उम्मीद के साथ 305 बेरोजगार युवक और युवतियों ने अपना पंजीयन करवाया था जिनमें से 227 युवाओं का प्रारंभिक चयन किया गया है.
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ये कंपनियां हुईं शामिल
बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने वाली इन कंपनियों जिनमें लोटस इलेक्ट्रॉनिक, अमय इंटरप्राइजेज, यशस्वी टेलेंट मैनेजमेंट, टी.एस.सी.एफ.एम, फ्लिपकार्ट, डेक्कन टेक्नो और एस.एस. रियल्टी शामिल हैं. बेरोजगार युवाओं की प्रतिभा को देखते हुए इन क्षेत्रों में युवाओं का प्रारंभिक चयन सेल्स एग्जीक्यूटिव, डिलीवरी ब्वॉय, मार्केटिंग और ऑपरेटर आदि पदों के लिए किया गया है.
बिता पाएंगे अच्छा जीवन
गौरतलब है कि आज देश और प्रदेश का युवा बेरोजगारी के चलते दर-बदर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर है लेकिन इस रोजगार मेले से मिले रोजगार के कारण शायद वे अब अपनी जिंदगी को अच्छे से व्यतीत कर पाएंगे लेकिन इस सब के बावजूद एक ऐसा सवाल आज भी है जो सरकार के लिए कई प्रश्न खड़े करता है? सवाल है कि ऐसा क्यों है कि सरकार को चुनाव नजदीक आने के पहले ही इन युवा बेरोजगारों का दर्द नजर आता है.