मध्यप्रदेश में भीषण बरसात का कहर जारी है। जिसके कारण प्रदेश के कई इलाके जलमग्न हो गए है। सड़को और नदी नालों में अधिक पानी भरने की वजह से उफना पर हैं। जिससे राहगिरों और जिस स्थान पर पानी जमा होने से रहवासियों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। नर्मदा में अधिक जल होने के कारण ओंकारेश्वर के 18 और गांधीसागर के 10 गेट खोलने पड़े।
लगातार भारी बारिश होेने की वजह से खंडवा में ओंकारेश्वर बांध के 18 गेट खोले गए है। वहीं प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया है और मंदसौर में गांधीसागर बांध के 19 में से 10 गेट जिसमें 3 बड़े और 7 छोटे गेट खोले गए है। अभी बांध में 2 लाख 3 हजार 870 क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। वहीं 2 लाख 9 हजार 902 क्यूसेक पानी बांध से छोड़ा जा रहा है।
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श्योपुर जिले में पार्वती नदी खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर पहुंच गई है। पानी पुल के ऊपर बह रहा है, जिससे श्योपुर का राजस्थान के कोटा, बारां, इटावा और खतौली सहित कई शहरों से संपर्क टूट गया है। सुंडी और सांड गांव टापू बने हुए हैं। आवागमन बंद होने से राहगीरों और वाहन चालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस वजह से नदी किनारे के बसे गांवों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
नीमच जिले रविवार शाम से हो रही लगातार बारिश के चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। जिला मुख्यालय का सिंगोली तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। नीमच सिंगोली मार्ग पर जावद तहसील के मोरवन गांव की रपट पर करीब 10 फिट पानी बह रहा है। वहीं इस मार्ग के सिंगोली के नजदीक ताल नदी की पुलिया पर से भी पानी बह रहा है। जिसकी वजह से दोनों ओर वाहनों की कतार लगी हुई है।