इंदौर, राजेश राठौर। नगर निगम की एम आई सी के 10 सदस्यों को नगर पालिक निगम एक्ट के अनुसार अलग से ऑफिस की कोई सुविधा नहीं है। उन्हें अलग से भी कोई गाड़ी भी नहीं मिल सकती है। इन सबके बावजूद नियमों से हटकर मेयर राजनीतिक दबाव में एमआईसी मेंबर को दफ्तर नगर निगम परिसर में उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा नगर निगम इन मेंबर्स के लिए किराए की गाड़ी भी लगाता है।
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जिसका डीजल, पेट्रोल का खर्चा भी नगर निगम उठाता है। नगर पालिक निगम एक्ट के अनुसार एमआईसी मेंबर सिर्फ मीटिंग कर सकते हैं। मौका मुआयना कर सकते हैं। मीटिंग के लिए नगर निगम परिषद हाल जैसी जगह ही उपलब्ध कराई जा सकती है। अलग से कमरा और स्टाफ की कोई सुविधा नहीं मिलती। इसके अलावा नगर निगम को गाड़ी देना भी जरूरी नहीं है।
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एमआईसी मेंबर को एक मीटिंग बुलाने पर 225 रूपए का भत्ता मिलेगा। एक महीने में कितनी ही बार बैठक बुला ले,लेकिन अधिकतम भत्ता 900 रूपए से ज्यादा नहीं मिलेगा। भत्ते के मामले में तो एमआईसी मेंबर कभी कोई विवाद नहीं करते हैं, लेकिन नगर निगम में बड़ा दफ्तर बनाने के लिए कई बार झगड़े हो चुके हैं। गाडियां भी मांगते हैं।
एमआईसी मेंबर के दफ्तर में पांच मस्टर कर्मचारी भी बैठकर फोकट का वेतन लेते हैं।