इस्लामाबाद। भारत के पडोसी देश के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि, उनकी सरकार ने अफगानिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने का फैसला किया है, चाहे काबुल में सत्ता में कोई भी हो। सोमवार को इमरान खान ने यहां ‘पाकिस्तान-अफगानिस्तान कारोबार एवं निवेश फोरम’ विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी को आरंभ के दौरान यह बात कही। साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता की खातिर भूमिका निभाते रहने का पाकिस्तान का मजबूत दृढ़ संकल्प को भी दोहराया।
उन्होंने कहा कि, उनकी सरकार अफगानिस्तान के कारोबारी समुदाय के साथ संबंधों को और विकसित करने के प्रयास कर रही है जिससे दोनों को एक-दूसरे के अनुभवों का लाभ मिल सके एवं व्यावसायिक एवं आर्थिक संबंधों को गति मिल सके। इमरान खान ने कहा कि, सरकार ने फैसला किया है कि अफगानिस्तान के साथ संबंध मजबूत किए जाएंगे चाहे पड़ोसी देश में सत्ता में कोई भी हो।
इमरान खान ने कहा कि, ”दोनों देशों के भविष्य उनकी एकता, साझा कारोबार और विकसित होते परस्पर आर्थिक संपर्कों पर निर्भर करते हैं।” साथ ही उन्होंने कहा कि, दोनों ही मुस्लिम देशों में निवेश एवं आर्थिक गतिविधियों के लिए संभावनाएं हैं जिससे क्षेत्र में समृद्धि आएगी और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि, अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों ही को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का लाभ मिल सकता है और वे कारोबार तथा व्यवसाय के केंद्र बन सकते हैं।