मात्र 20 रुपए में होगी पहाड़ों की सैर, 26 जुलाई से फिर शुरू होगी हेरिटेज ट्रेन

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By Abhishek SinghPublished On: July 23, 2025

प्रदेश की एकमात्र हेरिटेज ट्रेन, जो पर्यटकों को प्रकृति की सुंदर वादियों से रूबरू कराती है, चार महीने के अंतराल के बाद एक बार फिर संचालन के लिए तैयार है। यह ट्रेन 26 जुलाई से हर शनिवार और रविवार पातालपानी रेलवे स्टेशन से कालाकुंड तक चलेगी। पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने इसके संचालन को लेकर आवश्यक आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि, पातालपानी स्टेशन तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को सड़क मार्ग का ही उपयोग करना होगा। यह रेल यात्रा महू तहसील के घने जंगलों, पहाड़ियों, झरनों और पक्षियों की मधुर ध्वनियों के बीच से होकर गुजरती है, जो यात्रियों को एक रोमांचकारी अनुभव प्रदान करती है।

किराया बेहद कम, सुविधाएं भरपूर

हेरिटेज ट्रेन में कुल पाँच कोच लगाए जाएंगे, जिनमें दो विस्टाडोम और तीन नॉन-एसी चेयर कार होंगे। विस्टाडोम कोच का किराया प्रति यात्री 265 रुपये निर्धारित किया गया है, जबकि नॉन-एसी चेयर कार में यह मात्र 20 रुपये रहेगा। विस्टाडोम कोचों में बड़ी खिड़कियां, ट्रेलिंग विंडो, स्नैक्स टेबल और साइड पैंट्री जैसी सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी। इन दो विस्टाडोम कोचों में कुल 120 सीटों की व्यवस्था होगी, वहीं तीन नॉन-एसी चेयर कार कोचों में 152 सीटें (64+64+24) उपलब्ध रहेंगी। सभी कोचों में स्वच्छ शौचालय और आकर्षक पीवीसी शीट से सजे बाहरी हिस्से यात्रा अनुभव को और भी सुखद बनाएंगे।

हरियाली, झरनों और स्वाद का संगम

पातालपानी का झरना, भुट्टे की खुशबू, गर्मागर्म मैगी और कुरकुरे भजिए इस यात्रा के अनुभव को कई गुना रोमांचक बना देंगे। पूरा सफर सुबह से शाम तक फैला रहेगा, जिसमें यात्री हर क्षण प्रकृति की मनमोहक छटा का आनंद ले सकेंगे। मानसून के आते ही सैलानी इस हेरिटेज ट्रेन के दोबारा शुरू होने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। हाल ही में रेलवे द्वारा सफल ट्रायल रन भी पूरा किया गया है। संचालन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और टिकट बुकिंग प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जाएगी।

2018 से अब तक की हेरिटेज यात्रा की कहानी

यह हेरिटेज ट्रेन 25 दिसंबर 2018 को पहली बार शुरू की गई थी और कुछ ही समय में न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में लोकप्रिय हो गई। अप्रैल 2020 में कोरोना महामारी के कारण इसका संचालन स्थगित करना पड़ा। इसके बाद 4 अगस्त 2021 को इसमें कई बदलावों के साथ ट्रेन को दोबारा पटरी पर लाया गया। हर साल मार्च में गर्मियों की शुरुआत के साथ इसका संचालन अस्थायी रूप से रोका जाता है। अब एक बार फिर मानसून के आगमन पर यह ट्रेन पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य से रूबरू कराने के लिए तैयार है।