नियमों को सरल और सहज बनाने की पहल, MP विधानसभा के मानसून सत्र में पेश होगा जन विश्वास बिल 2.0

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By Abhishek SinghPublished On: July 23, 2025

मध्य प्रदेश सरकार विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में जन विश्वास बिल 2.0 पेश करने की तैयारी में है। यह प्रस्तावित बिल राज्य में जटिल और पुराने कानूनों को सरल बनाने की दिशा में एक और अहम कदम माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा जो इस विधेयक का दूसरा संस्करण प्रस्तुत कर रहा है। इससे पहले जन विश्वास बिल 1.0 के तहत 5 विभागों से जुड़े 8 कानूनों की 64 धाराओं में संशोधन किया गया था। अब दूसरे चरण में 13 विभागों के 23 कानूनों की कुल 45 धाराओं को संशोधित करने की योजना है।

इस विधेयक का मकसद आम लोगों और उद्यमियों को अनावश्यक कानूनी उलझनों से राहत दिलाना है। इसी क्रम में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर इन संशोधनों पर विचार-विमर्श किया और उन्हें अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सरकार का उद्देश्य है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नीति को और अधिक प्रभावी बनाया जाए, जिससे नागरिकों और व्यापारियों को सुगम और न्यायसंगत प्रशासनिक प्रक्रियाओं का लाभ मिल सके।

बदलेंगे कौन-कौन से कानून?

अब छोटी-मोटी त्रुटियों पर जेल नहीं, बल्कि दंड या जुर्माना लगाया जाएगा। एंटी मीज़ल्स वैक्सीनेशन एक्ट 1968, जो खसरे के टीकाकरण को अनिवार्य बनाता था, समाप्त किया जाएगा। गृह विभाग के तहत आने वाले एनाटॉमी एक्ट में भी संशोधन किया जाएगा। वहीं, नगरीय प्रशासन विभाग के अंतर्गत नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 208 और नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 195 में बदलाव किए जाएंगे। इसके अलावा, मोटरयान कर नियमों में संशोधन कर अब जेल की बजाय जुर्माने या दंड का विकल्प रखा जाएगा।