आईआईएम इंदौर में शुरू हुई आईपीएम की दसवीं बैच

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इंदौर। आईआईएम इंदौर में इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (आईपीएम) के 10 वें बैच कावर्चुअल इंडक्शन प्रोग्राम21 अक्टूबर, 2020 को आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ ।कार्यक्रमकेमुख्य अतिथिश्री मनोज आहूजा, चेयरमैन, सीबीएसईविडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये मौजूद रहे । प्रोफेसर रंजीत नंबूदिरी, डीन-प्रोग्राम्स; प्रोफेसर राधा लाडकानी, चेयर, आईपीएम; प्रोफेसर स्नेहा थपलियाल, चेयर, हॉस्टल और स्टूडेंट अफेयर्स; और कर्नल गुरुराज गोपीनाथ पामिडी (सेवानिवृत्त) भी उपस्थित थे।

प्रोफेसर राय ने नए बैच के साथI.P.M यानिIntrospection (आत्मनिरीक्षण), Purpose (उद्देश्य) एवंMindfulness (विचारशीलता)का महत्व साझा किया। उन्होंने कहा कि आईपीएम पाठ्यक्रम को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसमेंविज्ञान, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, मानविकी से लेकर नृत्य, नाटक, संगीत और अन्य भाषाओं के पाठ्यक्रमों को भी शामिल किया है, जो छात्रों को ‘आत्मनिरीक्षण’ करने में मदद करता है और उन्हें एक सफल‘लीडर’ और ‘मेनेजर’ के रूप में विकसित करता है। ‘ये पांच साल छात्रों को न केवल एक पेशेवर के रूप में बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी एक ऐसे व्यक्ति के रूप में विकसित करने में मदद करते हैं, जो राष्ट्र-निर्माण में योगदान देने का इच्छुक हैं’, उन्होंने कहा । उन्होंने नए बैच को इस ‘उद्देश्य’ को समझने और याद रखने के लिए प्रोत्साहित किया कि वे इस पाठ्यक्रम में क्यों शामिल हुए और कहा की सदैव अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें। ‘आप स्वयं ही अपनी पहली प्राथमिकता और एकमात्र दायित्व हैं,इसलिए खुद को विकसित करने और बेहतर बननेकी कोशिश करें और अपनेजीवन का उद्देश्य खोजें ‘, प्रोफेसर राय ने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि एक सफल यात्रा वह नहीं जिसमें आपने कई लक्ष्य और मुकाम हासिल कर लिए हों –सफल यात्रा तो वह है जिसमें आपने हर कदम पर कुछ सीखा हो और आत्मसात किया हो ।‘अतीत को साथ ले कर आगे मत बढिए, जो बीत गया उसे भूल जाइए।वर्तमान में और भविष्य में आप जो भी करते हैं, वह पूरी लगन और निष्ठा से करें और अपने लक्ष्य पर हमेशा केन्द्रित रहें ‘, उन्होंने कहा ।

श्री आहूजा ने VUCA यानिVolatility (अस्थिरता), Uncertainity (अनिश्चितता), Complexity (जटिलता) और Ambiguity (अस्पष्टता)के प्रभाव पर चर्चा करते हुए, उल्लेख किया कि यह उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है जो अगले पांच वर्षों में स्नातक होंगे क्योंकि उन्हें  प्रासंगिक रहने के लिए एक अनुकूल वातावरण का निर्माण करना होगा, जहां वे उत्साह से काम कर सकें और अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहें। ‘बदलते VUCA वातावरण के साथ, छात्रोंको आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, आदि जैसे प्रौद्योगिकी अवरोधों को ध्यान में रखना चाहिए जो हमारे जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। उन्हेंयह समझने की आवश्यकता है कि इनका क्या अर्थ है और येकिस प्रकार हमारे काम आ सकते हैं । मशीनें भी अब ‘होशियार’ हो रही हैं और मनुष्यों द्वारा किए जा रहे कामों को संभाल रही हैं, लेकिन हमें मशीनों के प्रबंधन को सीखने और वे काम करने की ज़रूरत है जो मशीनें नहीं कर सकती हैं- यानी रचनात्मक रहें, नैतिक मूल्यों का पालन करें और कार्यस्थल पर एक समग्र दृष्टिकोण का पालन करें। ‘, उन्होंने कहा। उन्होंने त्वरित निर्णय लेने और सॉफ्ट स्किलको बढ़ाने के महत्व को भी साझा किया।‘इस बदलती दुनिया में, रचनात्मकता और समग्र दृष्टिकोण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एक संस्कृति जहां हम विभिन्न दृष्टिकोणों कोखुले दिमाग से अपना सकें, हमारी वृद्धि में मदद करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि हम पक्षपाती या पूर्वाग्रही नहीं हैं –और यही भावहमें मशीनों से अलग करता है ‘, उन्होंने कहा।

उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति  पर अपने विचार साझा किए और कहा की यह नीति रचनात्मकता से ज्ञानार्जन पर केंद्रित करता है न कि रट्टा लगा कर उत्तीर्ण होने पर । ‘कक्षाओं में बदलते शिक्षाशास्त्र के अनुसार, आने वाले वर्षों में संपूर्ण शिक्षण पद्धति सीखने परआधारित होगी। दुनिया भर के बच्चे अपनी मातृभाषा में बेहतर सीखते हैं, और हम उन्हींभाषाओं में शिक्षा उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। यह विचार उस शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए है जो बच्चों के समग्र विकास पर केंद्रित है ‘, उन्होंने कहा ।

नए आईपीएम बैच नेआईपीएम के पूर्व छात्र और छात्रा दीपांशु यादव और शिल्पिका गनेरीवाला से भी चर्चा की ।

इंडक्शन प्रोग्राम का समपान कल होगा जिसमें नई बैच को सभी शिक्षकों से बात करने का मौका मिलेगा । साथ ही उन्हें संस्थान सम्बन्धी सभी जानकारी भी दी जाएगी ।