इंदौर (Indore News) : इंदौर हर क्षेत्र में सफलता के परचम लहरा रहा है. 5 बार लगातार स्वच्छता में नंबर वन रहने के बाद अब इंदौर ने आईटी और आईटीईएस जैसे पेशे में भी बड़े पैमाने के साथ रोजगार वृद्धि की छलांग लगाई है. इस तरह से इंदौर ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एक बड़ा योगदान दिया है.
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बता दें कि इंदौर ने SEZ इकाइयों से वित्त वर्ष 2020-21 में सालाना 1161 करोड़ निर्यात के आधार पर 51% की वृद्धि हासिल की है. वहीं वित्त वर्ष 2021-22 में 1761 करोड़ का निर्यात कर यह वृद्धि 51.64% दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान गैर-एसईजेड से आईटी निर्यात 873.17 करोड़ रहा. आईटी और आईटीईएस कंपनियों ने 800 करोड़ से अधिक का निवेश भी इंदौर में किया है.
लॉकडाउन के दौरान भी इन क्षेत्रों में इंदौर में अच्छी उपलब्धि हासिल करते हुए वित्त वर्ष 2021-22 में 7.62 करोड़ और 2020-21 में 11.58 करोड़ का लाभ दिया है. वर्ष 2014 से अभी तक अनुमानित 40 करोड़ इस क्षेत्र में दिए जा चुके हैं. जिसकी वजह से तालाबंदी के दौरान पैसों से जुड़ी समस्याओं से निपटने में काफी मदद मिली है. आईटी पार्क इंदौर के लिए 112 एकड़ में से 100 एकड़ जमीन आवंटित की जा चुकी है.
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मध्य प्रदेश के इंदौर में मिल रही सफलता को देखते हुए अब बाकी कंपनियां भी इस विकास की गाथा का हिस्सा बनने की इच्छुक है. जिसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की कंपनी शामिल है. जिसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अब इंदौर जैसे TIER-2 शहर मध्यभारत के IT और ITES हब बनने की ओर अग्रसर है.