इंदौर। कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की यूज एंड थ्रो करने वाली नीति एक बार फिर उजागर हो कर सामने आ गई है । सरकार के द्वारा कोरोना के संक्रमण काल में सेवा करने वाले कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया गया है ।
शुक्ला ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कोरोना के संक्रमण काल के दौरान पीड़ितों और नागरिकों की सेवा के लिए अस्थाई रूप से कर्मचारी के रूप में योग्य व्यक्तियों को रखा गया था। यह संक्रमण काल इतना भारी था जब मृतक को उसके परिजन भी कांधा नहीं दे पा रहे थे। उस समय पर बीमारो की सेवा करने और उन्हें संक्रमण से मुक्ति दिलाने के लिए कोशिश करने का काम भी इन अस्थाई तौर पर रखे गए कर्मचारियों के द्वारा ही किया गया। अलग-अलग पदनाम पर रखे गए इन व्यक्तियों ने सेवा की मिसाल पेश की।
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विधायक शुक्ला ने कहा कि इसके जवाब में हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक प्रियंका दास के द्वारा एक आदेश जारी किया गया है । इस आदेश में सभी जिलों को यह सूचना दी गई है कि संक्रमण काल के दौरान अस्थाई रूप से रखे गए कर्मचारियों की सेवाएं 31 मार्च 2022 को समाप्त कर दी जाए। इस आदेश में यह कहा गया है कि 1 अप्रैल से शुरू हो रहा नए वित्त वर्ष में इन कर्मचारियों को वेतन देने के लिए हमारे पास कोई पैसा नहीं है । शुक्ला ने कहा कि यह राज्य सरकार की यूज एंड थ्रो पॉलिसी(Use And Throw policy) है।
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जिन कर्मचारियों के द्वारा सेवा का इतिहास रचा गया है उन्हें इस तरह से नौकरी से बाहर किया जा रहा है । उन्होंने मांग की है कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें । इन सभी कर्मचारियों को वे जिस पद पर कार्य कर रहे थे, उसी पद पर स्थाई कर्मचारी के रूप में नियुक्त करें।