हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। यहां तक कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश जिसमें 403 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए थे वहां भी कांग्रेस को महज 2 सीटें मिली। अन्य राज्यों में भी कांग्रेस का हाल ऐसा ही रहा।
इसके बाद इस हार का मंथन करने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी (Congress Working Committee CWC) की बैठक आयोजित की गई थी। हालांकि उस बैठक में तो कोई बड़े निर्णय नहीं लिए गए लेकिन 15 मार्च मंगलवार को खबर मिली कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांचों चुनावी राज्यों के कांग्रेस प्रभारियों को प्रभार से मुक्त कर दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला से मिली जानकारी के अनुसार सोनिया गांधी ने पांचों राज्यों में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद बड़ा और साहसिक फैसला लेते हुए पांचों चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा तथा मणिपुर के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों(state presidents of five states) से इस्तीफे की मांग की हैं।
Congress President, Smt. Sonia Gandhi has asked the PCC Presidents of Uttar Pradesh, Uttarakhand, Punjab, Goa & Manipur to put in their resignations in order to facilitate reorganisation of PCC’s.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 15, 2022
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आपको बता दे उत्तरप्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को महज 2 सीटें ही मिली हैं। और UP कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू खुद अपनी सीट नहीं बचा पाए। इन्हें बीजेपी के असीम कुमार से करारी हार झेलनी पड़ी। अजय कुमार लल्लू तमकुहीराज विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे जहां उनको इतनी बुरी शिकस्त मिली कि उनकी जमानत जब्त हो गई। ऐसे में अब उन्हें UP कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाने का आदेश जारी हो चुका हैं।
वहीं उत्तराखंड की बात करें तो यहां कांग्रेस को 70 विधानसभा सीटों में से 19 सीट पर ही जीत मिलीं, लेकिन भाजपा ने 47 सीट जीतकर बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया जिससे वह एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब हो गई। वहीं बात करें उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश गोदियाल की तो ये भी अपनी विधानसभा सीट श्रीनगर से चुनाव हार गए। हालांकि इन्होनें स्थितियों को पहले ही भांप लिया और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
पंजाब में भी कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अपनी सीट नहीं बचा पाए। इन्हें आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार जीवन ज्योत कौर ने अमृतसर पूर्वी सीट से चुनाव हरा दिया। हालांकि पंजाब में आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल की लहर के चलते कोई भी दिग्गज नेता अपनी सीट नहीं बचा पाया। यहां नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा स्वयं पंजाब के मुख़्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी दो सीटों से चुनाव हार गए। और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह समेत कई दिग्गज अपनी सीट नहीं बचा पाए।
गोवा में कांग्रेस की स्थिति ठीकठाक कही जा सकती हैं क्योंकि 40 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हैं। यहां उसे 12 सीटें मिलीं हैं। वहीं बीजेपी गोवा में 20 सीटों के साथ सरकार बनाने की मजबूत दावेदार हैं। गोवा के कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश राया चोडनकर ने इन चुनाव परिणामों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तब ही इस्तीफा देने की बात कही थी।
60 विधानसभा सीटों वाले मणिपुर में कांग्रेस को महज 5 सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ा। जबकि यहां भाजपा ने बहुमत प्राप्त करते हुए 32 सीटें प्राप्त की। यहां भी कांग्रेस अध्यक्ष एन लोकेन सिंह को हार का सामना करना पड़ा। उन्हें नंबोल विधानसभा सीट से भाजपा के टी बसंत कुमार सिंह ने चुनाव हराया।