भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर (IIM Indore), आर्मी ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC), और इसकी सब्सिडियरी आर्मी वॉर कॉलेज (AWC), पेशेवर उत्कृष्टता और अपने संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान कार्य के उच्चतम मानकों के लिए जाने जाने वाले प्रमुख संस्थान हैं। ये संस्थान प्रशिक्षण के लिए सहयोग कर रहे हैं। आर्मी वॉर कॉलेजकी स्वर्ण जयंती और 2021 में आईआईएमइंदौर की रजत जयंती, दोनों संस्थानों के इस सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने के लिए आदर्श अवसर हैं।
ALSO READ: दर्शकों का इंतजार खत्म, Yami Gautam की “A Thursday” का ट्रेलर रिलीज़
इसलिए, 09 फरवरी, 2022 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। प्रो.हिमाँशु राय, निदेशक, आईआईएम इंदौर और लेफ्टिनेंट जनरल जसविंदर सिंह संधू, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय – आर्मी ट्रेनिंग कमांड ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। लेफ्टिनेंट जनरल वी.एस.श्रीनिवास पीवीएसएम, एवीएसएम**, कमांडेंट आर्मी वॉर कॉलेज भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रो. हिमाँशु राय ने कहा कि आईआईएम इंदौर (IIM Indore) राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए सदैव तत्पर रहता है। यह समझौता ज्ञापन राष्ट्र को मजबूत करने और रक्षा-अकादमिक सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक छोटा किन्तु महत्वपूर्ण कदम है। ‘हमें शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए आर्मी वॉर कॉलेज के साथ सहयोग कर प्रसन्नता हो रही है।
ALSO READ: आयुक्त ने दिए सख्त निर्देश: सड़क से अस्थाई अतिक्रमण हटाकर 2 दिन में करे यातायात शुरू
इस सहयोग का उद्देश्य ‘वॉरियर स्कॉलर्स’ का निर्माण करना, और एक-दूसरे से सीखना और एक साथ विकसित होना है, उन्होंने कहा। उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन के तहत, आईआईएम इंदौर प्रबंधन और शासन में कार्यकारी फेलो कार्यक्रम (एग्जीक्यूटिव फेलो प्रोग्राम इन मैनेजमेंट एंड गवर्नेंस – ईएफपीएमजी) की पेशकश करेगा, जो केवल सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए है। इस कार्यक्रम के लिए प्रतिभागियों का नामांकन और चयन आवश्यकता के अनुसार आईआईएम इंदौर और आर्मी वॉर कॉलेज के बीच तैयार किया जाएगा।
एडब्ल्यूसी/एआरटीआरएसी हर साल सेवारत और योग्य सैन्य अधिकारियों का चयन करेगा, जिनके पास प्रबंधन विषय में स्नातकोत्तर डिग्री है और प्रवेश प्रक्रिया के लिए उनके नाम विधिवत अनुमोदित आईआईएम इंदौर को भेजे जाएंगे। चयन समिति मेरिट के अनुसार चयन करेगी। पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद, डिग्री मिलना पीएच.डी. के नियमों द्वारा शासित होगा।
ALSO READ: Gangubai Kathiawadi पर चली सेंसर बोर्ड की कैंची, इस सीन में आया बड़ा बदलाव
आईआईएम इंदौर के साथ सहयोग पर अपनी खुशी साझा करते हुए, लेफ्टिनेंट जनरल जसविंदर सिंह संधू ने कहा कि आईआईएम इंदौर प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक है, जिसने अनुसंधान-आधारित समाधान प्रदान करके सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दों को हल करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम किया है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे प्रतिष्ठित संस्थान के साथ सहयोग करना खुशी की बात है जो समग्र रूप से समाज और राष्ट्र की बेहतरी में योगदान करने के लिए पहल करता है। उन्होंने उल्लेख किया कि आर्मी वॉर कॉलेज नेतृत्व और संबद्ध विषयों में अनुसंधान कार्य भी करेगा।
आईआईएम इंदौर के रिसर्च स्कॉलर्स की भागीदारी से नए विचारों का संचार होगा और शोध कार्य में नए दृष्टिकोण खुलेंगे। एडब्ल्यूसी द्वारा प्रायोजित विषयों पर शोध कार्य के लिए प्रत्येक वर्ष आईआईएम इंदौर से तीन शोधार्थियों/ प्रशिक्षुओं (छात्रों) को नामांकित किया जाएगा। इन विषयों में भारतीय सेना के समसामयिक मुद्दे शामिल होंगे। शोधार्थियों को भारतीय सेना के लिए शुरू की गई अनुसंधान परियोजनाओं में उनके योगदान का समर्थन करते हुए एडब्ल्यूसी से एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा। आईआईएम इंदौर और एडब्ल्यूसी के बीच कार्यशालाओं/ कैप्सूल में नेतृत्व प्रशिक्षण का सहयोगात्मक संचालन आगे विकसित और औपचारिक होगा।
लेफ्टिनेंट जनरल वी.एस.श्रीनिवास पीवीएसएम, एवीएसएम**, कमांडेंट आर्मी वॉर कॉलेजने कहा कि यह सहयोग सेना में सेवारत अधिकारियों के लिए उच्च शिक्षा कार्यक्रम के क्षेत्र में अकादमिक संबद्धता का मार्ग प्रशस्त करेगा, और साथ ही आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित नेतृत्व प्रशिक्षण के लिए आईआईएम इंदौर से प्रमाणन और संयुक्त अनुसंधान के बीचसमकालीन विषयों पर दोनों संस्थानों को साथ लाएगा।उन्होंने कहा, ‘यह सहयोग महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय सेना और आईआईएम इंदौर के बीच पहला समझौता ज्ञापन है और यह अधिकारी संवर्ग के एक बड़े हिस्से के बीच व्यावसायिक सैन्य शिक्षा को प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होगा’।
यह एमओयू तीन साल के लिए वैध होगा।