उज्जैन 29 जून। कोरोना संक्रमण महामारी के दौरान सरकार के नियमों का पालन तथा विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर भगवान की प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रावण-भादौ मास में परम्परागत वैभव के साथ सवारी निकाली जायेगी। कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष महाकाल की सवारी मार्ग के रूट में परिवर्तन करना प्रस्तावित है। सोमवार 29 जून को सवारी मार्ग का निरीक्षण संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह तथा अन्य विभागों के अधिकारी आदि ने किया और सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस वर्ष श्रावण-भादौ मास में सात सवारियां निकाली जायेगी। प्रथम श्रावण मास की सवारी सोमवार 6 जुलाई को और भादौ मास में भगवान महाकाल की प्रमुख एवं शाही सवारी सोमवार 17 अगस्त को निकाली जायेगी।
संभागायुक्त एवं आईजी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने सर्वप्रथम रामघाट का निरीक्षण कर नगर निगम के अधिकारियों को साफ-सफाई, प्रकाश व्यवस्था आदि व्यवस्थाओं के बारे में दिशा-निर्देश दिये। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने महाकालेश्वर मन्दिर परिसर, सभा मण्डप आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान आईजी ने दर्शनार्थियों से पूछा कि दर्शन के लिये बुकिंग कर आयें है या नहीं। दर्शनार्थियों ने कहा कि वे बुकिंग कराकर ही भगवान महाकाल के दर्शन लाभ लेने आये हैं। निरीक्षण के दौरान चर्चा के दौरान बताया गया कि कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार की गाईड लाइन एवं नियमों तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जायेगा और श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे सरकार के नियमों का पालन करते हुए भगवान महाकाल के दर्शन घर बैठकर टीवी, मोबाइल एप एवं सोशल मीडिया पर दर्शन की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। संभागायुक्त एवं आईजी आदि अधिकारियों ने मन्दिर में उपस्थित प्रदीप गुरू से सवारी के बारे में चर्चा कर जानकारी प्राप्त की।
वर्तमान में कोविड-19 महामारी से होने वाले संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष सवारियों के सम्बन्ध में महाकाल मन्दिर के पुजारी-पुरोहित के द्वारा दिये गये सुझावों और भारत सरकार द्वारा जारी की गई गाईड लाइन एवं आम नागरिकों के स्वास्थ्य व सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रखा जाकर सवारी का मार्ग छोटा करने का निर्णय प्रस्तावित किया गया है। श्रावण मास की प्रथम सवारी सोमवार 6 जुलाई, द्वितीय सवारी सोमवार 13 जुलाई, तृतीय सवारी सोमवार 20 जुलाई, चतुर्थ सवारी सोमवार 27 जुलाई, पांचवी सवारी सोमवार 3 अगस्त तथा भादौ मास की छठी सवारी सोमवार 10 अगस्त एवं प्रमुख शाही सवारी सोमवार 17 अगस्त को भगवान महाकाल की सवारी निकाली जायेगी। भगवान महाकालेश्वर की सवारी निकलने के पूर्व सर्वप्रथम भगवान महाकाल के मुखारविंद का विधिवत पूजन करने के पश्चात सवारी निकाली जायेगी। यह पूजन महाकाल मन्दिर के चांदी द्वार के पास सभा मण्डप में किया जायेगा। पूजन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कम से कम संख्या में पुजारी उपस्थित रहेंगे। पूजन पश्चात निर्धारित समय 4 बजे सभा मण्डप से सवारी निकलेगी, जहां मन्दिर के मुख्य द्वार पर पुलिस जवानों के द्वारा भगवान महाकाल की पालकी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जायेगा। इस दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जायेगा। कानून व्यवस्था हेतु आवश्यक पुलिस बल एवं अन्य व्यवस्थाओं के संचालन हेतु अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। सवारी के क्रम में उद्घोषक वाहन, तोपची, भगवान महाकाल का ध्वज, घुड़सवारी, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस बैण्ड, नगर सेना, महाकाल के पुजारी-पुरोहित, ढोलवादक, झांझवादक, चोपदार, चांदी की झाड़ूवाहक, अन्य आवश्यक व्यवस्था में लगने वाले कर्मचारी सीमित संख्या में रहेंगे।