7 January Tithi : आज है पौष शुक्ल पञ्चमी तिथि, इन बातों का रखें ध्यान

Mohit
Published on:

विजय अड़ीचवाल

आज शुक्रवार, पौष शुक्ल पञ्चमी तिथि है।
आज शतभिषा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

-राजा मान्धाता की पत्नी बिन्दुमती से पुरुकुत्स, अम्बरीष (ये दूसरे अम्बरीष हैं) और मुचुकुन्द हुए।
-राजा पुरुकुत्स से नर्मदा जी ने इस कल्प के प्रथम सतयुग में प्रथम अवतरण के दौरान विवाह किया था।
-यह वही मुचुकुन्द थे, जिन्हें कई युगों बाद कालयवन द्वारा जगाने पर वह भस्म हो गया था।
-सत्यवान हरिश्चन्द्र के पुत्र रोहित के पौत्र चम्प ने चम्पापुरी बसाई थी।
-श्री रामजी के 14 वर्ष वनवास के दौरान भरत जी ने केवल गोमूत्र में पकाया हुआ जौ का दलिया खाया और वल्कल वस्त्र पहने। पृथ्वी पर डाभ बिछाकर सोए।
-भगवान राम जब राजा बने तब उन्होंने अपना सम्पूर्ण राज्य ब्राह्मणों को दान कर दिया था, क्योंकि वे ब्राह्मणों को ही अपना इष्टदेव मानते थे।
-ब्राह्मणों ने भी उदारता व्यक्त करते हुए सम्पूर्ण पृथ्वी का राज्य भगवान राम को लौटा दिया था।
-शत्रुघ्न जी ने मथुरा नामक नगरी बसाई।
-इक्ष्वाकु वंश के राजा सुमित्र कलियुग में अन्तिम वंशज रहे।