शहर में बढ़ा 50 प्रतिशत मकान निर्माण, रिहायशी मल्टियो में फ्लैट के बजाय 90 प्रतिशत लोग बना रहे खुद का मकान

mukti_gupta
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आबिद कामदार, इंदौर। शहर में कोरोना के दौरान मकान और अन्य कंस्ट्रक्शन पर जेसे विराम लग गया था। लेकिन बात अगर पिछले साल के भवन निर्माण की करी जाए तो इसमें काफी इजाफा हुआ है, वहीं लोगों के बिच मल्टीयो के बजाय खुद का मकान बनाने का भी चलन बढ़ा है। अगर बात नगर निगम के भवन निर्माण में परमिशन की करी जाए तो 2022 में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड तोड़ परमिशन दी गई। पिछले साल लगभग 7 हजार भवन निर्माण की परमिशन दी गई। वहीं बात अगर पिछले सालों की करी जाए तो 2021 में लगभग 4 हजार और कोरोना के दौरान मात्र 1 हजार परमिशन के लिए आवेदन आए। अगर बात परमिशन से आने वाले रेवेन्यू की करी जाए तो लगभग बीस से पच्चीस करोड़ पिछले सालों का रहा। वहीं इसमें मकान की परमिशन कम ज्यादा होने पर उतार चढ़ाव आते रहते है।

रिहायशी बिल्डिंगों में फ्लैट लेने के बजाय लोग अपना घर बनाना कर रहे पसंद

लोग अब मल्टियो में मकान लेने के बजाय खुद का घर बनाना पसंद करते है, मल्टियों की परमिशन में काफी गिरावट आई है, अगर बात साल 2022 में आए आवेदन की करी जाए तो इनमें से 90 प्रतिशत परमिशन निजी मकान की से संबंधित थी, वहीं 10 प्रतिशत परमिशन रिहायशी बिल्डिंग से संबंधित है।

कई चरणों से गुजरने के बाद मिलती है मकान बनाने की परमिशन

मकान या बिल्डिंग की परमिशन के लिए सबसे पहले टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में आवेदन कर कॉलोनी के लिए प्रक्रिया की जाती है, इसके बाद कॉलोनी सेल के पास दस्तावेज जाते हैं। यह सब प्रक्रिया पूरी होने के बाद निजी मकान या मल्टी के आवेदन नगर निगम के भवन निर्माण में दिए जाते हैं। डॉक्यूमेंट या अन्य कमियों के चलते दस प्रतिशत आवेदन रिजेक्ट होते हैं, वहीं त्रुटी पूर्ण करने पर स्वीकार कर लिए जाते है। परमिशन के लिए जमीन की रजिस्ट्री, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज लगते है, वहीं इसमें परमिशन के लिए देय शुल्क अलग अलग बिल्डिंग और एरिया के हिसाब से होता है। परमिशन शुल्क 500 से शुरू होकर लाखों तक हो सकता है।

नक्शा पास होने के बाद परमिशन 3 साल तक होती मान्य 

मध्य प्रदेश भूमि विकास नियम के तहत परमिशन दी जाती है। इसमें कई प्रकार के नियम होते है। जिसमें आवेदन कर्ता को यह उल्लेखित करना होता है कि वह प्लॉट को रोड़ से कितना खुला छोड़ेगा, कितनी मंजिल मकान होगा। वहीं मकान की परमिशन 3 साल तक मान्य होती है। इन तीन साल के अंदर आवेदन कर्ता को उस मंजूरी के आधार पर मकान बनाना होता है, वहीं तीन साल पूरे होने के बाद अगर मकान नहीं बना है तो फिर से परमिशन लेना होती है।

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245 वर्ग किलोमीटर में फैली है नगरीय सीमा

इंदौर नगरीय सीमा 245 वर्ग किलोमीटर है, लगभग पूरब में बायपास से तो पश्चिम में गोमतगिरी के आसपास का क्षेत्र वहीं उत्तर में अरबिंदो से दक्षिण में राऊ की शुरुआती सीमा तक नगरीय सीमा लागू होती है। हमारे पास परमिशन के लिए आवेदन आते है, इन आवेदन में सभी दस्तावेज का निरीक्षण कर आगे की प्रक्रिया की जाती है। पिछले साल भवन निर्माण की परमीशन में बढ़ोतरी हुई है, यह हर साल कम ज्यादा होती रहती है