आईआईएम इंदौर के सीईआरई का 13वां संस्करण, ऑफलाइन मोड में आयोजित होगी कांफ्रेंस

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भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) की सीईआरई – कांफ्रेंस ऑन एक्सीलेंस इन रिसर्च एंड एजुकेशन, के 13वें संस्करण की शुरुआत कल, 09 जून, 2023 को होगी। तीन दिवसीय इस कांफ्रेंस की थीम ‘संगठनों में कार्यवाही: प्रबंधन के क्षेत्र में डिजिटलीकरण और स्थिरता’ (Organizations in Action: Digitalization and Sustainability in Management Practices) विषय पर केंद्रित है।
संगठनों का उनके कार्य करने के वातावरण, सामाजिक संरचना पर पड़ने वाले तकनीकी प्रभाव, संगठन के भीतर व्यक्तियों में विभिन्नता और जुड़ाव के आधार पर लगातार मूल्यांकन किया जाता है।

तेजी से हो रहे तकनीकी विकास संगठनात्मक सीमाओं के भीतर और बाहर की प्रक्रिया तक पहुंच बनाए रखने के लिए नए अवसर उत्पन्न कर रहे हैं। इसलिए, संगठनों के लिए प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त करने और अपनी जगह स्थिर बनाए रखने के लिए स्थायी प्रबंधन प्रक्रियाएं महत्वपूर्ण हैं। यह कांफ्रेंस इसी विचार पर केंद्रित है, कि कैसे संगठन रणनीतिक रूप से चुनौतियों से निपट सकते हैं, अद्वितीय अवसर उत्पन्न कर उनका लाभ ले सकते हैं और आधुनिक प्रौद्योगिकियों को विकसित करके समान और सतत विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
आईआईएम इंदौर के निदेशक, प्रो. हिमाँशु राय ने कहा कि पिछले दशक में हुई तकनीकी प्रगति ने हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है।

उन्होंने कहा, ‘यह डिजिटल क्रांति एक वरदान साबित हुई है, खासकर महामारी के दौरान’। डिजिटलाइजेशन हर उद्योग के लिए प्रासंगिक है, जिससे कंपनियों को अधिक कुशल और मूल्य-संचालित बनने में मदद मिलती है। इसी तरह, प्रबंधन प्रथाओं में स्थिरता के बारे में भी चिकित्सक और शोधकर्ताओं के बीच अत्यधिक चर्चा हो रही है। ‘आईआईएम इंदौर का उद्देश्य प्रासंगिक संस्थान बने रहना है, और इसीलिए हमारी कांफ्रेंस का विषय भी प्रबंधन प्रथाओं में डिजिटलीकरण और स्थिरता के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह आयोजन अपने विचार साझा करने के लिए शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों को एक मंच प्रदान करेगा जिससे सभी को लाभ होगा’। उन्होंने कहा कि सीईआरई 2023 के माध्यम से, हम इन अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित करके ‘सस्टेनेबिलिटी’ और ‘मैनेजमेंट’ के नए तरीके खोजने का प्रयास कर रहे हैं।

तीन दिवसीय सम्मेलन में कई शिक्षाविद और उद्योग विशेषज्ञ अपनी अंतर्दृष्टि साझा करेंगे। आईआईएम बैंगलोर के निदेशक प्रो. ऋषिकेश टी.कृष्णन; प्रो. विवेक सुनेजा, एफएमएस के प्रमुख और डीन, दिल्ली विश्वविद्यालय; और प्रो. प्रशांत मिश्रा, डीन – एसबीएम, एनएमआईएमएस, मुंबई भी उद्घाटन में शामिल होंगे। पहले दिन कई मुख्य भाषण भी होंगे। पहला भाषण एम्स से डॉ. कमल गुलाटी द्वारा “भारत में चिकित्सा नेतृत्व को सक्षम करने के लिए चिकित्सा-प्रबंधन सहयोग की शक्ति को उजागर करना” विषय पर होगा और दूसरा माइका से प्रो. फाल्गुनी वासवदा-ओझा द्वारा ‘डिजिटल रूप से सक्षम दुनिया में विपणन’ पर होगा। इस वर्ष, सीईआरई के हिस्से के रूप में, आईआईएम इंदौर तीन मिनट की थीसिस प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है।

प्रतिभागी केवल तीन मिनट में अपने शोध कार्य को संक्षिप्त और आकर्षक तरीके से प्रदर्शित करेंगे। यह रोमांचक प्रतियोगिता शोधकर्ताओं को उनके अनुसंधान के महत्व के साथ दर्शकों को सरल शब्दों में अपने शोध के बारे में समझाते हुए उन्हें अपनी विशेषज्ञता, रचनात्मकता और संचार कौशल को उजागर करने के लिए एक मंच प्रदान करती है। तीन मिनट की थीसिस प्रतियोगिता एक गतिशील और समयबद्ध प्रारूप में प्रतिभागियों की प्रतिभा और नवीनता को दर्शाती एक उत्साहजनक अनुभव होगी। कांफ्रेंस के स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर और एफपीएम 2022 के प्रतिभागियों इरफ़ान खान और अंकित रोहिल्ला ने कहा कि इस कांफ्रेंस में सर्वाधिक पेपर प्रेजेंटेशन के लिए आवेदन आए हैं।

उन्होंने कहा, ‘हम कांफ्रेंस में विशेषज्ञों, प्रतिनिधियों और वक्ताओं का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं’। कांफ्रेंस में प्रो. सुशांत कुमार मिश्रा, फैकल्टी, आईआईएम बैंगलोर; प्रो. नीरज द्विवेदी, फैकल्टी, आईआईएम लखनऊ; प्रो. मुरुगन पट्टुसामी, फैकल्टी, हैदराबाद विश्वविद्यालय; प्रो. कुणाल कमल कुमार, फैकल्टी, आईआईएम उदयपुर; डॉ. वी. के. जैन, सेवानिवृत्त कार्यकारी, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड; प्रो. फाल्गुनी वासवदा-ओझा, फैकल्टी, माइका; प्रो. ललित सिंह, फैकल्टी, आईआईटी बीएचयू, प्रो. निर्मला मेनन, फैकल्टी, आईआईटी इंदौर; और डॉ. कमल गुलाटी, वरिष्ठ वैज्ञानिक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) शामिल होंगे।

समन्वयकों ने कहा, ‘हमारे प्रत्येक प्रतिनिधि और वक्ताओं द्वारा साझा किए गए असीम ज्ञान से हमारे पूरे शोध समुदाय को सीखने का बेहतरीन अनुभव और अवसर प्राप्त होगा”। इस वर्ष, मोरक्को, यूएसए, यूके, कोलंबिया और वियतनाम के विश्वविद्यालयों के छह प्रतिभागियों ने भी सम्मेलन में भाग लिया है। कांफ्रेंस में में मध्यस्थता और मॉडरेशन विश्लेषण, नेतृत्व संचार और सामाजिक नेटवर्क विश्लेषण पर कार्यशालाएँ होंगी। विशेषज्ञों द्वारा प्रासंगिक विषयों पर कार्यशालाओं के अलावा, विभिन्न ट्रैकों पर कई पेपर प्रेजेंटेशन भी होंगे। इनमें एकाउंट्स एवं फाइनेंस, इकोनॉमिक्स और पब्लिक पॉलिसी, बिज़नेस पॉलिसी, स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन इन बिज़नेस एंड रिसर्च, डाटा साइंस और एनालिटिक्स, आन्त्रप्रेंयोर्शिप, जिओपोलिटिकल रिस्क्स और आर्गेनाइजेशन, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, ओर्गनिज़तिओनल बिहेवियर टैलेंट मैनेजमेंट इन लर्निंग आर्गेनाइजेशन शामिल हैं।

Source : PR