छत्तीसगढ़ में ‘शराब घोटाले’ पर CM साय का ‘सर्जिकल स्ट्राइक’, 22 आबकारी अफसर निलंबित, जानें पूरा मामला

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By Shivam KumarPublished On: July 12, 2025

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को सख्ती से लागू कर दिया है। हाल ही में 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले को लेकर राज्य सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। इस घोटाले में शामिल 29 अधिकारियों में से 22 आबकारी अधिकारियों को तुरंत निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई किसी राज्य सरकार द्वारा की गई सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।

EOW और ACB की जांच में हुआ खुलासा

आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की जांच में यह सामने आया कि यह घोटाला एक संगठित सिंडिकेट के माध्यम से चलाया जा रहा था। इसमें आरोपी अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई और करीब 88 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियां भी बनाई गईं। निलंबित अधिकारियों में आबकारी उपायुक्त अनिमेष नेताम, अरविंद पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

अन्य घोटालों की भी जांच जारी

राज्य सरकार सिर्फ शराब घोटाले तक सीमित नहीं है। सरकार डीएमएफ घोटाला, महादेव सट्टा एप घोटाला और तेंदूपत्ता घोटाले की भी गहराई से जांच करवा रही है। बीते दो सालों में ACB ने 200 से ज्यादा भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़कर जेल भेजा है। यह दिखाता है कि सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ नीति केवल घोषणा नहीं बल्कि सख्त कार्रवाई का हिस्सा है।

शासन में पारदर्शिता लाने के प्रयास

राज्य सरकार ने प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। जेम पोर्टल से खरीदारी अनिवार्य की गई है, ई-ऑफिस प्रणाली लागू की गई है, और 350 से ज्यादा सुधार किए गए हैं। सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के जरिए NOC की प्रक्रिया बेहद सरल कर दी गई है जिससे निवेशकों को राहत मिलेगी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम होगी।

विभागीय सुधार और भविष्य की तैयारी

सरकार ने आबकारी विभाग में FL-10 नीति खत्म कर पारदर्शी व्यवस्था लागू की है। नकली शराब रोकने के लिए अब बोतलों पर नासिक मुद्रणालय से होलोग्राम अनिवार्य किया गया है। खनिज ट्रांजिट पास की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो गई है और लकड़ियों की ई-नीलामी प्रणाली भी शुरू हो गई है। योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए एक नया ‘अभिसरण विभाग’ बनाया गया है।

दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा: मुख्यमंत्री

PSC-2021 की परीक्षा में गड़बड़ी पर CBI जांच शुरू की गई है, जिसमें आयोग के चेयरमैन को गिरफ्तार किया गया है। भारतमाला योजना और सीजीएमएससी घोटालों की जांच भी तेज़ी से जारी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने साफ कहा है कि पिछली सरकार के समय हुए इस शराब घोटाले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।