गाय रोज देती थी मिट्टी के ढेर पर दूध, फिर कुछ ऐसा हुआ चमत्कार कि देख कर रह गए सब हैरान

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By Swati BisenPublished On: July 19, 2025
Mankameshwar Mahadev Temple

मध्य प्रदेश अपने धार्मिक स्थलों और प्राचीन शिव मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, जहां ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर जैसे दो ज्योतिर्लिंग भी स्थित हैं। इन्हीं पवित्र स्थलों की श्रृंखला में एक और नाम भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है, मनकामेश्वर महादेव मंदिर, जो शाजापुर जिले के कुम्हारिया गांव में स्थित है। यह मंदिर अपनी चमत्कारी मान्यताओं और रहस्यमयी इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।

यहां हर मुराद होती है पूरी

मनकामेश्वर मंदिर को लेकर भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि जो भी यहां सच्चे मन से अपनी मनोकामना लेकर आता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है। साल भर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन खासकर सावन के महीने और शिवरात्रि के पर्व पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। सावन में तो यहां मेला सा वातावरण बन जाता है।

एक गाय ने किया था शिवलिंग का उद्भव

इस प्राचीन मंदिर से जुड़ी एक अत्यंत रोचक और आध्यात्मिक कथा प्रचलित है। करीब 750 वर्ष पहले, गांव की एक गाय प्रतिदिन एक विशेष स्थान पर जाकर मिट्टी के ढेर पर अपने आप दूध बहाने लगती थी। यह दृश्य देखकर ग्रामीण चकित हो उठे और उन्होंने उस स्थान की खुदाई की। खुदाई में जो निकला, वह एक शिवलिंग था, जिसे आज हम मनकामेश्वर महादेव के नाम से पूजते हैं।

रहस्यमयी शिलालेख, जिसकी भाषा आज भी अनजानी

मंदिर के निर्माण के कुछ वर्षों बाद जब इसका जीर्णोद्धार किया जा रहा था, तब यहां एक प्राचीन शिलालेख प्राप्त हुआ। आज भी यह शिलालेख मंदिर परिसर में सुरक्षित रूप से स्थापित है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि अब तक किसी को यह पता नहीं चल पाया कि यह किस भाषा में लिखा गया है, जिससे यह मंदिर और भी रहस्यपूर्ण बन जाता है।

पार्वती माता की तपोस्थली है ये 

भक्तों की मान्यता के अनुसार, यह स्थान देवी पार्वती की तपोस्थली भी रहा है। कहा जाता है कि देवी ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए यहीं कठोर तपस्या की थी और अंततः भोलेनाथ ने उन्हें दर्शन दिए थे। इस धार्मिक कथा से यह मंदिर शिव-पार्वती प्रेम की पवित्र स्मृति भी बन गया है।

गौरीकुंड: जहां 12 महीने बहता है झरना

मंदिर परिसर में स्थित गौरीकुंड एक अन्य विशेष आकर्षण है। यहां एक प्राकृतिक झरना है, जिसमें साल के 12 महीने पानी बहता है। भक्त इस कुंड में स्नान करके अपनी आत्मिक और शारीरिक शुद्धि का अनुभव करते हैं और मानते हैं कि यहीं की पवित्र जलधारा से स्नान कर, मांगी गई मनोकामना पूरी होती है।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।