विपिन नीमा
इंदौैर निगम चुनाव में एक बात अच्छी देखने को ये मिली की पूरे चुनाव केम्पेनिंग के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला और भाजपा प्रत्याशी पुष्य मित्र भार्गव ने पूरे शालिनता के साथ चुनाव लड़ा। दोनोें प्रत्याशियों ने एक बार भी एक दूसरे पर गंदे भद्दे , आड़े तिरछे कीचड़ नही उछाले। जनसम्पर्क के दौरान संजय मतदाताओं से बडी ही आत्मीयता ओर विनम्रता से मिले। ऐसी ही भूमिका भाजपा प्रत्याशी पुष्यमित्र ने भी निभाई। दोनों के व्यवहार को शहर के मतदाताओं ने बहुत पंसद किया। मतदाताओं ने किसको चुना इसका फैसला तो 17 तारीख को ईवीएम मशीन खुलने पर ही पता चलेगा*।
किसे वनवास झेलना पड़ेगा
इंदौर, भोपाल ग्वालियर समेत प्रदेश की 11 नगर निगमों में सम्पन्न हुए प्रथम चरण के चुनाव के परिणाम का इंतजार खत्म होने वाला है। प्रथम चरण के चुनाव की मतगणना रविवार को होगी । इस बार सभी निगमों में किसकी सत्ता बनेगी और किसे वनवास झेलना पड़ेगा, यह तस्वीर साफ होने में कुछ ही घंटे बचे हैं।
सभी की नजरें इसी बात पर टिकी हैं कि ईवीएम में क्या निकलता है
रविवार को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी। वोटों की गिनती की शुरूआत हमेशा की तरह पोस्टल बैलेट से होगी और फिर ईवीएम खोली जाएंगी। इंदौर में 19 महापौर और 400 से ज्यादा पार्षद उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला इन्हीं ईवीएम में बंद है। फिलहाल सभी की नजरें इसी बात पर टिकी हैं कि ईवीएम में क्या निकलता है।
मतदाताओं की कसौटी और खामोशी
प्रदेश के सभी महापौर और पार्षद प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है। मतदाताओं की कसौटी और खामोशी ने जरूर मैदान में डटे योद्धाओं के माथे पर बल डाल रखा है। अब 17 जुलाई को मतगणना के बाद सभी प्रत्याशियों के किस्मत का ताला खुल जाएगा। ये साफ हो जाएगा कि जनता किसे चुनती है और किन्हें अगले पांच साल जनता में पैठ बनाने को समय मिलता है। परिणाम को लेकर की गई पड़ताल और मतदाताओं के रुख के अनुसार रूझान और समीकरण अलग-अलग बन रहे हैं।
मतगणना के करीब बढ़ने लगी प्रत्याशियों की धड़कन
नगरीय निकाय चुनाव 2022 के परिणाम आने में अब केवल एक दिन का समय बचा है। मतगणना की तारीख बिलकुल नजदीक आ चुकी है, प्र्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ने लगी है। हार-जीत को लेकर चुनावी चर्चा व सट्टा बाजार गर्मा रहा है। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता, समर्थक और प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत को लेकर बूथवार मंथन करने में जुटे हैं। अब प्रत्याशी अपने एजेंट भी तैयार करने में जुट गए है।
प्रथम चरण के 11 महापौर प्रत्याशियों का फैसला एकसाथ
नगरीय निकाय के प्रथम चरण के चुनाव की मतगणना की लगभग पूरी हो चुकी है। इसमें प्रदेश की 11 नगर निगमों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर , सतना , सागर, जबलपुर , छिंदवाड़ा, सिंगरौली , उज्जैन , खंडवा, तथा बुरहानपुर के महापौर और पार्षद प्रत्याशियों का फैसला होगा। सभी सीटों पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी जीत के लिए समीकरण लगाए हैं तो वहीं समर्थक व कार्यकर्ता रोजाना जीत के दावे कर रहे हैं। जीत के लिए प्रत्याशियों के समर्थक आश्वस्त हैं, लेकिन असल तस्वीर रविवार को ही साफ होगी।
नफा – नुकसान में कौन रहेगा भाजपा या कांग्रेस
इस समय भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनाव जीतना सबसे बड़ी चुनौती है। वर्तमान में प्रदेश की सभी नगर निगमों पर भाजपा का कब्जा है। अगर भाजपा कुछ जगह हार गई तो उसे बड़ा नुकसान होेगा। जबकि कांग्रेस को खोने के लिए कुछ भी नहीं है। अगर उसने इस चुनाव में अच्छी सफलता हासिल कर ली तो “उसे विधानसभा चुनाव में जीत का फायदा मिल सकता है।