Azad Maidan History : आखिर आजाद मैदान क्यों है ऐतिहासिक, जहां CM पद की शपथ लेंगे फडणवीस

srashti
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Azad Maidan History

Azad Maidan History: आजाद मैदान, जो मुंबई के ऐतिहासिक और राजनीतिक केंद्र के रूप में जाना जाता है, एक बार फिर सुर्खियों में है। महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस की घोषणा के साथ इस मैदान को एक बार फिर से खास महत्व मिल गया है। गुरुवार, 5 दिसंबर को महायुति गठबंधन की सरकार का शपथ ग्रहण समारोह यहां आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और कई प्रमुख राजनीतिक नेता मौजूद रहेंगे।

आजाद मैदान का ऐतिहासिक महत्व

आजाद मैदान केवल एक स्थान नहीं है, बल्कि यह मुंबई और महाराष्ट्र के इतिहास का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह मैदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय महात्मा गांधी की कई महत्वपूर्ण सभाओं का गवाह रहा है। इसके अलावा, क्रिकेट की दुनिया के भी कई महत्वपूर्ण पल यहां हुए हैं। 1987 में, इस मैदान ने सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली के बीच 664 रन की साझेदारी को देखा था, जो एक रिकॉर्ड था और क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हो गया।

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बापू का इस मैदान से हैं खास संबंध

आजाद मैदान न केवल क्रिकेट के लिए, बल्कि राजनीति और सामाजिक आंदोलनों के लिए भी एक अहम स्थल रहा है। यह मैदान भारतीय राजनीति के कई महत्वपूर्ण मोड़ का गवाह बना है। 1930 में महात्मा गांधी द्वारा किए गए सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान, यह मैदान विरोध प्रदर्शन और सामूहिक रैलियों का केंद्र था। गांधी जी के गिरफ्तारी के बाद यहां विरोध प्रदर्शनों की लहर दौड़ पड़ी थी और आज़ाद मैदान ने स्वतंत्रता संग्राम के हर पल को महसूस किया था।

आज़ाद मैदान महात्मा गांधी के जीवन से भी गहरे रूप से जुड़ा है। जब गांधी जी को मई 1930 में गिरफ्तार किया गया, तो पूरे शहर में विरोध फैल गया। इसके बाद 25 जनवरी 1931 को बापू की रिहाई के बाद उन्होंने मुंबई में एक सार्वजनिक सभा का आयोजन किया। इस सभा में भारी भीड़ जमा हुई थी, और गांधी जी के भाषण के दौरान भगदड़ मच गई, जिससे सभा को रद्द करना पड़ा था।

आजाद मैदान, हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है। यहां हर साल रामलीला का आयोजन होता है और साथ ही सुन्नी वार्षिक इज्तेमा का आयोजन भी इसी मैदान में किया जाता है। इसके अलावा, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों को समर्पित अमर जवान ज्योति स्मारक भी यहां स्थित है।

आज़ाद मैदान का ऐतिहासिक महत्व और प्रतिष्ठित स्थल

आजाद मैदान के पास कुछ प्रमुख ऐतिहासिक इमारतें स्थित हैं, जैसे कि बॉम्बे जिमखाना, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, और बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के मुख्यालय। बॉम्बे जिमखाना ने भारत के पहले टेस्ट मैच की मेज़बानी की थी। यह मैदान अब तक कई राजनीतिक शपथ ग्रहण समारोहों का गवाह बन चुका है, जैसे कि नवंबर 2004 में विलासराव देशमुख का शपथ ग्रहण।

आंदोलन और विरोध प्रदर्शन का केंद्र

The Sunni annual Ijtema was held here in November this year.
The Sunni annual Ijtema was held here in November this year.

आजाद मैदान में कई बार बड़े विरोध प्रदर्शन और आंदोलन हुए हैं। 2018 में नासिक से किसानों का मार्च यहां हुआ था, और 2021 में भी बड़े विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए थे। इसके अलावा, 29 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच 32वें वार्षिक सुन्नी इज्तेमा के दौरान लाखों लोग यहां जुटे थे। हालांकि, यहां होने वाले विरोध प्रदर्शन कभी-कभी हिंसक भी हो जाते हैं, लेकिन इस मैदान ने हमेशा शांति और लोकतंत्र की आवाज को बुलंद किया है।

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