इनके बाप का क्या जाता है!

Share on:

जयराम शुक्ल

उज्जैन में एक मोहल्ला है फ्रीगंज महाकाल की कृपा से बसी विक्रमादित्य(Vikramaditya) की अवंतिका यानी आज के उज्जैन में इस फ्रीगंज मोहल्ले का नाम फ्रीगंज कैसे पड़ा इसकी अपनी कोई कहानी जरूर होगी। लेकिन अपन यह अनुमान लगा सकते हैं कि इसके पीछे कोई न कोई पालटिक्स(Politics) जरूर होनी चाहिए। संभव है अँग्रेजों ने खुश होकर बख्शीश में यहां के बासिंदों को सबकुछ फ्री कर दिया हो इसलिए इसका नाम फ्रीगंज पड़ा हो। या फिर अपने देश में लोकतंत्र की चुनावी बयार में पार्टियों ने अपने वचनपत्र में सबकुछ फ्री का वायदा किया हो। कुछ भी हो ये फ्रीगंज अपने चुनाव ग्रस्त पड़ोसी उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर के डेरामन गंज से तो ज्यादा ही कर्णप्रिय है।

डेरामन गंज पहले ड्रामंड गंज था, किसी अँग्रेज के नाम से, लेकिन आजादी के बाद जब से बनारस-जबलपुर हाइवे के इस कस्बे में साँझ ढलते ही लूटपाट होने लगी तब से इसका नाम अपने असली अर्थ को पाने लगा। बेहमाई की महामाई फूलनदेवी को मुलायम सिंह ने यहीं से सांसदी लड़वाई थी वे जीतीं भी। बहरहाल हम फ्रीगंज की बात कर रहे थे…तो यूपी के इस चुनाव में फ्रीगंज याद आ गया। जितने भी राजनीतिक दल हैं सभी ने फ्री-फ्री का खोखो खेल रहे हैं। एक ने कहा ये फ्री, तो दूसरे ने पहले वाले के फ्री के साथ एक और फ्री जोड़ दिया..तीसरा पिछले दोनों के फ्री को प्लस करते हुए दो फ्री के साथ बोनस में एक और फ्री दे दिया..माफ करिए देने को कह दिया। यानी कि चुनाव परिणाम आने के पहले तक आप यूपी को फ्रीगंज (द्वितीय) कह सकते हैं।

Must read : PVC Aadhar Card रद्द होने पर ना लें टेंशन, UIDAI से ऐसे मिलेगी मदद

खुदा न खास्ता किसी भी पार्टी के जीतने के बाद सभी पार्टियों में यदि वचन निभाने की सहमति बन गई तो समझिए..बिजली, पानी, पढ़ाई, दवाई, ढ़ोबाई, खबाई, हगाई, मुताई तक सब फ्री ही फ्री..। वैसे अपने देश के वोटरों का भविष्य साल दर साल उज्ज्वल से उज्ज्वल होता जा रहा है। दास मलूका ने ऐसी ही स्थिति के लिए लिखा था-

अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम
दास मलूका कह गए सबके दाता राम।।

यह भविष्यवाणी अब कहीं जाकर सच होने वाली है। राजनीतिक दल सबके दाता राम बनकर मेहरबान हैं। कन्सेशन पर कन्सेशन, फ्री पर फ्री। महीने भर का राशन मुफ्त। खाओ, खेलो, खटिया तोड़ो, बच्चे पैदा करो, काम भर छोड़कर सब करो। अब तक जो कर्ज लिया था उसे भूल जाओ। अगला कर्ज फिर ले लो और घी पियो या दारू जो चाहे करो, अगले चुनाव में ये फिर माफ हो जाएगा वाह.. एक वोट की इतनी कीमत.. समय रहते पहचानो।

Must read : अब इस एक्टर संग फिल्म करेंगी Sara Ali Khan, गुजरात के राजकोट में होगी शूटिंग

जिस मुल्क में आदमी की जिंदगी की कोई कीमत नहीं चार साल ग्यारह महीने गटर में कीड़े की भांति मरे या जिएं उसकी जिंदगी का सनसेक्स एक माह तक उच्चस्तर पर रहता है। ये चुनाव बाजार है। इसमें हर अदा बिकती है। जाति-पांति की गोलबंदी करने का हुनर बिकता है। झूठ-भ्रम फैलाने वाला मायाजाल बिकता है। गद्दारी, मक्कारी सबको भाव मिलते हैं सबके नए रेट तय होते हैं। कल्लूलाल की पार्टी भला कहां पीछे। लल्लूलाल की पार्टी के आकर्षक आफर की काट उसके पास है। कल्लूलाल की पार्टी के पास जनहित की क्रांतिकारी योजना है। घोषणापत्र बताता है कि अब वोटरों को मुफ्त राशन के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा, राशन खुद चलकर घर पहुंच जाएगा। वोटर खटिया में आराम करते रहें, उठने या करवट लेने की भी जरूरत नहीं।

कल्लूलाल की पार्टी हर वोटर को दो सेवक उपलब्ध कराएगी। एक सेवक खाना बनाएगा दूसरा पांव दबाएगा।
गोदभराई से लेकर मांग भराई तक और इसके बीच चिकित्सा, दवाई, पोषण सबके नियमित भत्ते मिलेंगे। सरकार बैंक एकाउंट खुलवाएगी और करदाताओं की श्रेणी में शामिल नागरिकों के जेब से रुपए निकालकर सीधे उनके एकाउन्ट में जमा करवाएगी। झुग्गी-झोपड़ियों को रिसॉर्ट में बदल दिया जाएगा जहां स्वीमिंग पूल और जिम होंगे ताकि मुफ्त का राशन पचाने के लिए वे व्यायाम कर सकें और बीपीएल वालों की नस्ल भी हट्टी-कट्टी और चुस्त-दुरुस्त हो। कल्लूलाल की पार्टी बीपीएल वालों का समय-समय पर ब्लड टेस्ट करवाएगी और यह सुनिश्चित करेगी की उनका हीमोग्लोबिन पंद्रह से नीचे न गिरने पाए। जिन करदाताओं के शरीर में ज्यादा खून होगा जबरिया एक्सचेंज स्कीम के तहत उनका खून निकालकर बीपीएल वालों की नसों में भर दिया जाएगा।

राशन का अन्न किसान उपलब्ध कराएंगे। बीज डंकल जैसी कंपनियां और खाद खरीदने के लिए सरकार कर्ज देगी। ये कर्ज फिर अगले चुनाव में माफ कर दिए जाएंगे। बिजली भी मुफ्त होगी। यह बिजली कारपोरेट के थर्मल पावर से मिलेगी। रुपए की जगह इन्हें सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी दी जाएगी। बेमतलब के पहाड़ नदियां इन्हें एक रूपये की टोकन लीज में दिए जाएंगे। हरे भरे जंगलों को काटकर ये वहां से मनमाफिक कोयला निकाल सकेंगे।

कल्लूलाल की पार्टी के इस घोषणा-पत्र से लल्लूलाल की पार्टी जैसे ही बैकफुट में आई रणनीतिकारों ने अपने अकल का जैक लगा दिया, बोले- तुम फिर से पूरक घोषणा-पत्र जारी करो और वायदा करो- कि हम मंगल मिशन के बाद वहां की जमीन पर बीपीएल वालों को प्लाट काट कर देंगे और अमेरिका से वहां शानदार बस्ती बनाने का एमओयू साइन करेंगे।देशपर खरबों का कर्ज है तो क्या, दो गुना बढ़ता है तो दस गुना बढ़ने दो..इनके बाप का क्या जाता है।