पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : 2011 में थे पार्थ चटर्जी के पास सिर्फ 6300 रुपए, आज निकल रहा है खजाना

Shivani Rathore
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ममता बेनर्जी के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की मुश्किलें बढ़ती ही चली जा रही हैं। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के शिक्षा विभाग के शिक्षक भर्ती घोटाले में नाम आने के बाद से ही संकट के बादल पार्थ चटर्जी के सिर के ऊपर मंडराने लगे थे। आगे जिसमें कार्यवाही करते हुए ईडी के द्वारा पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया और उनके घर और कार्यालय में छापे मारे गए। उनके साथ ही उनकी सहयोगी बंगाली फिल्मों की अभिनेत्री अर्पिता मुखर्जी को भी ईडी के द्वारा गिरफ्तार किया गया और उनके भी घर और कार्यालय में छापे मारे गए , जिसमें करोड़ों रुपए का काला धन और जरूरी दस्तावेज मिले थे।

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2011 के हलफनामे में पास थे से 6300 रुपए

ममता बेनर्जी के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर से जहां करोड़ों रुपए की काली दौलत बरामद हो रही है, वहीं 2011 में उनके द्वारा चुनाव आयोग को दिया हुआ हलफनामा सामने आया है। इस हलफनामे में उन्होंने अपने पास सिर्फ 6300 रुपए होने की जानकारी दी है। इसके साथ 2021 के हलफनामे में उनके द्वारा चुनाव आयोग को 148676 रुपए नकद होने की जानकारी दी थी। गौरतलब है की हाल ही में उनके और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर और ऑफिस से छापे में करोड़ों रुपए की दौलत बरामद हो रही है।

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अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से 50 करोड़ से ज्यादा नकद और 5 किलो सोना बरामद

शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में मारे गए छापों में ममता बैनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से ईडी ने करोड़ो रुपए की दौलत बरामद की गई थी। पहली बार के छापे में जहाँ 21 करोड़ रुपए नकद बरामद किए गए, वहीं दूसरे छापे में उनके एक और फ्लेट से करीब 29 करोड़ केश और 5 किलो सोना बरामद किया गया था।