अमरनाथ गुफा में रहता हैं रहस्यमयी कबूतरों का जोड़ा, क्या हैं इनका शिव-पार्वती से नाता?

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By Swati BisenPublished On: July 3, 2025
amarnath yatra 2025

हिंदू धर्म में अमरनाथ गुफा मंदिर को अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल माना गया है। जम्मू-कश्मीर के ऊँचे पर्वतीय क्षेत्र में स्थित यह गुफा वह स्थान है जहाँ भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य सुनाया था। इसी कारण इसे “अमर कथा” की भूमि कहा जाता है। इस गुफा में हर वर्ष प्राकृतिक रूप से हिम से बना शिवलिंग प्रकट होता है, जिसे श्रद्धालु “बाबा बर्फानी” के नाम से पूजते हैं।

हर साल यह यात्रा आषाढ़ पूर्णिमा के दिन या जुलाई के पहले सप्ताह से आरंभ होती है। वर्ष 2025 में अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ 3 जुलाई, गुरुवार से हो रहा है, जब पहला जत्था बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हुआ। यह यात्रा पूरे श्रावण मास तक चलती है और रक्षाबंधन के दिन विधिवत संपन्न होती है। मान्यता है कि श्रावण पूर्णिमा के दिन शिवलिंग अपने पूर्ण आकार में होता है और इसे देखना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।

बर्फ से बने शिवलिंग का चमत्कार

अमरनाथ गुफा का मुख्य आकर्षण वहाँ हर साल अपने आप बनने वाला बर्फ का शिवलिंग है। यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बर्फ से निर्मित होता है और इसे भगवान शिव का साक्षात रूप माना जाता है। लाखों श्रद्धालु इस शिवलिंग के दर्शन के लिए कठिन और दुर्गम रास्तों से होकर यहाँ पहुँचते हैं।

कबूतरों के जोड़े की रहस्यमयी उपस्थिति

इस पवित्र गुफा में एक विशेष रहस्य भी जुड़ा है, यहाँ अकसर एक कबूतरों का जोड़ा दिखाई देता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार जब भगवान शिव माता पार्वती को अमरत्व की कथा सुना रहे थे, तब यह जोड़ा भी गुफा में छिपा हुआ था और उसने वह कथा सुन ली थी। कहते हैं कि अमर कथा सुनने के कारण ये कबूतर भी अमर हो गए। जिन्हें भी यह जोड़ा दिखाई देता है, उन्हें शिव और पार्वती के दर्शन के समकक्ष पुण्य प्राप्त होता है और भोलेनाथ उन्हें मोक्ष प्रदान करते हैं।

अमरकथा: शिव द्वारा सुनाई गई दिव्य कथा

किंवदंतियों के अनुसार, इस गुफा में भगवान शिव ने पार्वती को अमरत्व का रहस्य समझाते हुए एक दिव्य कथा सुनाई थी। इस कथा में न केवल अमरनाथ यात्रा की महत्ता का वर्णन है, बल्कि यात्रा मार्ग में पड़ने वाले पवित्र स्थानों की भी व्याख्या की गई है। यही कारण है कि इस कथा को “अमरकथा” कहा जाता है और इसे सुनना भी अत्यंत फलदायी माना जाता है।

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