इन्दौर : ज़ब डॉक्टर के पास जाते है तो वह पूछता है पेट साफ है अगर नहीं तो वही पहले पेट साफ करने की दवा देता क्योंकि जो रह गया वही रोग होता है। इसी तरह जीवन में जो धन कमाया वह मृत्यु के समय तक समाप्त कर देना चाहिए। अगर धन इक_ा रह गया तो वह विकार उत्पन्न करता है। धन और वंश की कभी पटरी नहीं बैठती। धन के साइड इफेक्ट वंश को बर्बाद कर देते हैं। कई उदाहरण राजा महाराजाओं के सुनने में आते हैं। जीवन में आपने जो धन कमाया उसे अच्छे समय में अच्छे कार्य में खर्च लेना चाहिए।
उक्त विचार रविवार को गोम्मटगिरी जम्बूर्डी हप्सी स्थित गोवर्धन गौशाला की कदम वाटिका में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा में रविवार को भागवत कथा प्रसंग में व्याख्यात करते हए मालवा माटी के संत पं. कमलकिशोर नागर ने व्यक्त किए। उन्होंने भक्तों को कथा का श्रवण करवाते हुए आगे कहा कि चैत्र नवरात्रि, गुड़ी पड़वा और बसंत पंचमी पूजन को कम महत्व दिया जाने लगा है जो विचारणीय है। कहीं कहीं स्कूलों में बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन नहीं किया जाता। सरस्वती कि पूजा से इंसान बुद्धिमान ही नहीं विद्वान बनता है। इन त्योहारों को दीपावली कि तरह मनाना चाहिए। आपने दादागिरी करने वाले नौजवानों का आह्वान कर कहा कि दादा बनो तो कृष्ण व बलराम जैसे बनो।
श्रीमद् भागवत कथा आयोजक परमानंद गेहलोत, मुकेश गेहलोत एवं जयेश गेहलोत ने बताया कि शनिवार को भागवत कथा श्रवण करने वालों का जनसैलाब उमड़ा। कथा स्थल पर भोजन प्रसादी में भी भक्तों द्वारा अनाज का सहयोग दिया जा रहा है। स्थल पर जल की भी समूचित व्यवस्था की गई है जिसमें युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी जल सेवा कर रहे हैं। कथा स्थल पर पार्किंग की व्यवस्था 50 से अधिक गौ सेवादार संभाल रहे हैं।
श्रीमद् भागवत कथा गोवर्धन गौशाला समिति के सरदारसिंह सोलंकी, विनोद सोलंकी एवं संतोष नीमचा ने बताया कि भागवत कथा में रविवार को व्यासपीठ का पूजन मंत्री तुलसी सिलावट, पूर्व विधायक रामलाल मालवीय, देवकर सिसोदिया, दिलीप ठाकुर ने किया। कदम वाटिका पर सात दिवसीय कथा सोमवार 8 अप्रैल तक दोपहर 12 से 3 बजे तक आयोजित की जाएगी। वहीं समापन अवसर पर हवन कुंड में आहुतियां भी यजमान परिवार द्वारा समर्पित की जाएगी।