अयोध्या में राम पथ पर जलभराव, सड़क धंसने से योगी सरकार ने 6 लोगों को किया निलंबित

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योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को अयोध्या में नवनिर्मित राम पथ पर जलभराव और सड़क धंसने के बाद छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया।

मंदिर नगरी में विभिन्न स्थानों पर भारी बारिश के बाद जलभराव के कई दृश्य और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गए हैं। रिपोर्टों के अनुसार 14 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग के कई हिस्से भी कई स्थानों पर धंस गए हैं। पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव अजय चौहान ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। पीटीआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में 29 जून को अयोध्या के श्री राम अस्पताल में जलभराव दिखाया गया।

‘PWD विभाग के अधिकारी निलंबित’

— ध्रुव अग्रवाल (कार्यकारी अभियंता)

— अनुज देशवाल (सहायक अभियंता)

— प्रभात पांडे (जूनियर इंजीनियर)

‘यूपी जल निगम के अधिकारी निलंबित’

— आनंद कुमार दुबे (कार्यकारी अभियंता)

— राजेंद्र कुमार यादव (सहायक अभियंता)

— मोहम्मद शाहिद (जूनियर इंजीनियर)

‘ठेकेदार को नोटिस’

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद स्थित ठेकेदार भुवन इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले के संबंध में नोटिस जारी किया गया है।

‘विपक्ष ने उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना की’

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने जलभराव का एक वीडियो पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि हर जगह भ्रष्टाचार की बाढ़ आ गई है और इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

‘टीएमसी का भाजपा पर हमला’

टीएमसी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “अयोध्या का रामपथ चार दिनों में तीन बार ढह गया, जबकि राम मंदिर की छत से रिसाव हो रहा है! अयोध्या का टूटता बुनियादी ढांचा यह उजागर करता है कि कैसे @BJP4India ने लोगों की सुरक्षा के बारे में कोई परवाह किए बिना चुनाव से पहले राम मंदिर परियोजना को जल्दबाजी में शुरू किया।”

‘भ्रष्टाचार उजागर’

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने एक्स पर एक समाचार क्लिप पोस्ट करते हुए कहा, “यूपी में भ्रष्टाचार फिर उजागर हुआ। अयोध्या में 8.44 करोड़ रुपये के बजट से बना नवनिर्मित रामपथ कई जगहों से ढह गया है।”

‘चंपत राय ने पानी रिसाव के दावों पर प्रतिक्रिया दी’

मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर की छत से पानी के रिसाव के आरोपों को खारिज कर दिया। राय ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, पहली बात तो यह है कि गर्भगृह में जहां भगवान रामलला विराजमान हैं, वहां छत से एक बूंद पानी नहीं टपका है और न ही कहीं से गर्भगृह में पानी आया है। राय ने कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है।