भोपाल। कहा जाता हैं कि सत्य परेशान हो सकता हैं पर परास्त नहीं। वहीं एक और कहावत हैं ‘देर आये दुरस्त आये’। कुछ इन्हीं कहावतों जैसा एक बहुचर्चित मामला(constable recruitment exam 2013 scam) सामने आया हैं मध्यप्रदेश से। जानते हैं पूरे मामले को।
व्यापमं यानी व्यावसायिक परीक्षा मंडल(professional examination board PEB) जो मध्यप्रदेश में सरकारी सेवाओं के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाएं आयोजित करवाता हैं। और वर्ष 2013 में इसी व्यापमं ने पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013(constable recruitment exam 2013 scam) आयोजित करवाई थी, जिसके वर्ग-2 में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां देखी गई थी। और इन्हीं गड़बड़ियों की शिकायत करने के बाद जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया था।
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SIT ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया था कि परीक्षा में शामिल हुए कई लोग फर्जी थें। यानी वे दूसरों की जगह परीक्षा देने आये थे। और अब राजधानी जिला न्यायालय की सीबीआई कोर्ट ने SIT की उसी जांच के हवाले से दो आरोपियों को दोषी माना हैं। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को भारतीय दंड विधान (IPC ) की धारा 419, 420, 467, 471, 468 सहित धारा 120 बी के तहत दोषी पाया हैं। और उन्हें 7-7 साल के कारावास की सजा सुनाने के साथ ही जुर्माना भी लगाया हैं।
सीबीआई की लोक अभियोजन मधु उपाध्याय के अनुसार एसआईटी टीम ने पाया था कि 2013 में आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में आरोपी सत्यनारायण यादव पिता रमाशंकर यादव ने अपने स्थान पर लक्ष्मीनारायण यादव पिता रामनरेश यादव से परीक्षा दिलवाई थी। इसी आधार पर एसआईटी ने रमाशंकर यादव और लक्ष्मीनारायण को आरोपी बनाया था। जिस पर सीबीआई विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है।